ब्यूरो रिपोर्टर सतेंद्र जैन
बड़गांव मे बना सार्वजनिक शौचालयअब खंडार होते हुए नजर आ रहा तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है सार्वजनिक शौचालय की दीवार गिर गई है लोगो ने यह बात कि सूचना ग्राम पंचायत सचिव अरविंद पटेल को दूरभाष के माध्यम से दी लेकिन किसी प्रकार का कोई भी पंचायत द्वारा कदम उठाते दिख रहा जबकि यह सार्वजनिक शौचालय में रोड पर है यहां पर आसपास के गाँव के सैकड़ो की संख्या में लोगों की भीड़ जमा रहती है कुछ कदम की दूरी में मार्केट एवं इकलौता भारतीय स्टेट बैंक है इस वजह से महिला बच्चे बूढ़े यहां पर भीडभाड़ का माहौल बना रहता है खुले में जाना लोगों का शौक नहीं मजबूरी है खुले में सोंच ना करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तरह-तरह की योजना निकाली जा रही है परंतु बड़गांव अलग ही स्थिति से जूझ रहा है सार्वजनिक शौचालय का मुख्य उद्देश्य लोगों को पेशाब और शौच के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुलभ स्थान प्रदान करना है, ताकि खुले में शौच जैसी आदतों को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक शौचालय व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं गरिमा में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य उद्देश्य
खुले में शौच को रोकना: सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धता खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने में मदद करती है, जिससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
व्यक्तिगत स्वच्छता को बढ़ावा देना: ये लोगों को हाथ धोने और अन्य स्वच्छता संबंधी कार्य करने के लिए एक स्थान प्रदान करते हैं, जो रोगों को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना: स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय हानिकारक कीटाणुओं के संपर्क में आने के जोखिम को कम करके रोगों के प्रसार को नियंत्रित करते हैं।
सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखना: ये सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और नालियों को गंदा होने से बचाते हैं, जिससे शहर अधिक साफ-सुथरे और रहने योग्य बनते हैं।
सभी के लिए सुविधा: ये बुजुर्गों, विकलांगों और गर्भवती महिलाओं जैसे कमजोर समूहों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान करते हैं, जिन्हें अक्सर अधिक बार शौचालय की आवश्यकता होती है।
मानवीय गरिमा बनाए रखना: ये सभी नागरिकों को अपनी जैविक ज़रूरतों को एक गरिमापूर्ण तरीके से पूरा करने में मदद करते हैं।
गांवों में सार्वजनिक शौचालय
लोगों को सुरक्षित, स्वच्छ और गरिमापूर्ण तरीके से शौच करने के लिए आवश्यक हैं, जो खुले में शौच से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करते हैं और जल स्रोतों की रक्षा करते हैं। ये शौचालय महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता और सुरक्षित रहने के लिए सुविधाएँ भी प्रदान करते हैं और सामुदायिक स्वच्छता और कल्याण को बढ़ाते हैं।
सार्वजनिक शौचालयों के महत्व के कारण
स्वास्थ्य सुरक्षा: सार्वजनिक शौचालय खुले में शौच से होने वाली बीमारियों, विशेषकर दस्त को रोकने में मदद करते हैं, जो बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। नियमित सफाई कीटाणुओं और वायरस के प्रसार को कम करती है, जो नमी वाली जगहों पर जल्दी फैल सकते हैं।
महिलाएं और लड़कियों की सुरक्षा: सार्वजनिक शौचालय महिलाओं और लड़कियों को गोपनीयता, सुरक्षा और गरिमा प्रदान करते हैं। वे मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित महसूस करने और सामाजिक मेलजोल के अन्य अवसरों को सुरक्षित करने में मदद मिलती है।
पर्यावरण संरक्षण: खुले में शौच से जल स्रोत प्रदूषित हो सकते हैं। सार्वजनिक शौचालय अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान को सुनिश्चित करके जल स्रोतों की रक्षा करते हैं।
मानवीय गरिमा और सामाजिक समावेशन: ये शौचालय उन लोगों के लिए आवश्यक हैं जो घर से बाहर हैं, जिससे वे सार्वजनिक जीवन में बिना किसी असुविधा या शर्मिंदगी के पूरी तरह से भाग ले पाते हैं।


