नवमी के दिन मां दुर्गा के नवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है नाम से ही प्रतीत होता है सिद्ध मां सिद्धिदात्री जो सब सिद्धियां देती है इस दिन साधक की आस्था पूजन में रहती हैं आज साधकों के लिए दिन बड़ा महत्वपूर्ण होता है नवमी के दिन व्रत का समापन होता है कन्याओं को भोज कराया जाता है और उन्हें भेट दी जाती है मां सिद्धिदात्री भक्तों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश लाती है धार्मिक ग्रंथो के अनुसार जब ब्रह्मांड में कुछ भी मौजूद नहीं था चारों तरफ सिर्फ अंधेरा था उसी क्षण ब्रह्मांड में प्रकाश की एक किरण प्रकट हुई यह किरण तेजी से फैलने लगी धीरे-धीरे यह किरण बड़ी होती गई और उसने एक नारी का रूप धारण कर लिया कहा जाता है की देवी भगवती का नया स्वरूप मां सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुआ मां सिद्धिदात्री ने अपने तेज से त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा विष्णु और महेश को प्रकट किया ऐसा भी पुराणों में वर्णन मिलता है भगवान शिव शंकर को जो आठ सिद्धियां प्राप्त थी वह भी मां सिद्धिदात्री की ही कृपा से प्राप्त हुई थी शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ जिससे उनका नाम अर्धनारीश्वर पड़ा पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार धरती पर महिषासुर के अत्याचार से ऋषि मुनि और देवगन त्रस्त थे तब सभी देवताओं ने तेज उत्पन्न किया जिससे मां सिद्धिदात्री प्रकट हुई और महिषासुर का अंत किया
नवमी के पूजन के लिए लाल एवं पीले वस्त्र पहन के पूजन करें साथ ही साथ भोजन में हलवा चना पूरी सब्जी केला आदि का भोग तैयार करें आपको करना क्या है पहले तो माता रानी का पूजन करें इसके बाद कन्याओं के पैरों को जल या दूध से धोकर उन्हें कुमकुम वह सिंदूर का टीका लगाए और आशीर्वाद ले इसके बाद कन्याओं को भोजन कर के उन्हें भेंट दें ऐसा करने से माता रानी अत्यधिक प्रसन्न होती है पूजन के बाद हवन भी नवमी के दिन किया जाता है हवन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं रोगी मनुष्य का रोग दूर होता है हर विपत्तियों का नाश होता है घर में सुख शांति आती है साथ ही साथ संतान प्राप्ति के योग खुलते हैं मां भगवती का इस तरीके से पूजन यथाशक्ति के अनुसार करने से मां प्रसन्न होती है माता रानी का मंत्र है
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रुपिन संस्था नमस्ते नमस्ते नमो नमः ll
कुछ सरल उपाय से आप अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं जो विद्यार्थी का अध्ययन में मन नहीं लगता वह माता रानी को हरि मिठाई का पिस्ता इलायची का भोग लगे उसके बाद उसे आप स्वयं खाएं
अगर विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो माता रानी को सात हल्दी की गांठ अर्पण करें पूजन के बाद वह हल्दी की गांठ पीले कपड़े में बांध के अपने सिरहाने के नीचे रख लीजिए लाभ होगा
सरकारी कार्य में बाधा आ रही है कोई के उलझा हुआ है ऐसे में आपको क्या करना है 7 किलो गेहूं मंदिर में भोजन के लिए आपको प्रदान करने हैं ऐसे करने से आपके कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होंगे
अगर ग्रह कलेश से परेशान है तो आपको करना यह है कि गुलाब की इत्र की बोतल आज आप माता रानी को अर्पण करें रात भर उनके समक्ष रहने दे अगले दिन उसे आप दक्षिण पश्चिम कोने में अपने घर के इस रखें निश्चित ही लाभ होगा
छोटे-छोटे उपाय करके अपना जीवन सुख में बनाएं