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साल का पहला सूर्य ग्रहण कब लग रहा है? जानें तिथि और सूतक काल

साल का पहला सूर्य ग्रहण कब लग रहा है?

दीपक तिवारी

जानें तिथि और सूतक काल, भारत में दृष्य होगा या नहीं साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को घटित होगा. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है जिससे सूर्य की रोशनी पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है.यह घटना केवल अमावस्या के दिन ही हो सकती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच एक सीधी रेखा में होता है.

सूर्य ग्रहण: एक खगोलीय चमत्कार: 29 मार्च को होने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ही ढकेगा जिससे सूर्य एक चमकदार ‘C’ आकार का दिखाई देगा. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 13 मिनट पर खत्म होगा.

सूर्य ग्रहण और धार्मिक मान्यताएं: विभिन्न संस्कृतियों में सूर्य ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. कुछ संस्कृतियों में इसे अशुभ माना जाता है, जबकि कुछ में इसे एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज किया जाता है.

सूर्य ग्रहण को कैसे देखें: सूर्य ग्रहण को सीधे नंगी आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है. इससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है यहां तक कि अंधापन भी हो सकता है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए हमेशा विशेष फिल्टर और ग्रहण चश्मा का उपयोग करें.

सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व: सूर्य ग्रहण वैज्ञानिकों के लिए सूर्य और उसके बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं. इसके अलावा यह खगोलीय घटना आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत का परीक्षण करने में भी महत्वपूर्ण रही है.

29 मार्च को होने वाला आंशिक सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. भले ही यह भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन यह खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक रोमांचक अवसर है. सूर्य ग्रहण अपनी वैज्ञानिक महत्ता के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है. यह हमें ब्रह्मांड की विशालता और उसकी जटिलताओं का एहसास कराती है. इस अद्भुत घटना को सुरक्षित रूप से देखना और इसके बारे में अधिक जानना हमारे ज्ञान और समझ को बढ़ाता है.

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