Friday, August 1, 2025

TOP NEWS

नगर परिषद शहपुरा में...

शहपुरा (डिंडोरी) – नगर परिषद शहपुरा में पदाधिकारियों द्वारा मस्टर पर फर्जी नियुक्तियों...

ड्रग्स और यौन शोषण...

भोपाल ड्रग्स और यौन शोषण केस में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।...

इंदौर : आज से...

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर ) MP News: नई ‘अगस्त क्रांति, सड़क पर खुद की...

मुजफ्फरनगर : पैरों में...

ड्रोन की अपवाहों के बीच दो युवकों ने ग्रामीणों को डराने के लिए...
Homeमध्य प्रदेशमंदसौर नारकोटिक्स विंग की हिरासत में पकड़े गए युवक की मौत, सवालों...

मंदसौर नारकोटिक्स विंग की हिरासत में पकड़े गए युवक की मौत, सवालों के घेरे में अधिकारी, विभाग में मचा हड़कंप

मंदसौर/मंदसौर शहर में मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया जब नारकोटिक्स विंग की हिरासत में एक युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना ने न केवल विभाग में हलचल मचा दी है, बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, नारकोटिक्स विंग ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 450 ग्राम एमडी (मादक पदार्थ) जब्त किया था। इस कार्रवाई में महिपाल सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया गया था, बताया गया है कि महिपाल सिंह को हिरासत में लेने के कुछ ही घंटों बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। रात में ही उसे मंदसौर की एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत में उसका इलाज शुरू किया।

फिलहाल युवक की मौत के कारणों को लेकर जांच जारी है। विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट से ही मौत की असली वजह सामने आएगी। इस घटना ने नार्कोटिक्स विंग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आरोपी की तबीयत पहले से खराब थी या हिरासत में कुछ ऐसा हुआ जिससे उसकी जान गई ?

मंदसौर जिला नारकोटिक्स विंग की हिरासत में आए महिपाल सिंह (65 वर्ष) निवासी पिपलियासिस की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह मामला न केवल विभागीय कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है बल्कि मानवाधिकार हनन और कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी का गंभीर आरोप भी सामने लाता है।

पृष्ठभूमि: हिरासत और विवाद

परिवारजनों के अनुसार, महिपाल सिंह 24 जुलाई की शाम 5 बजे तक गांव में मौजूद थे, जबकि नारकोटिक्स अधिकारियों का दावा है कि उन्हें उन्हेल के पास चिरोला गांव से हिरासत में लिया गया और उनके पास से 450 ग्राम एमडी ड्रग्स मिलने का आरोप है।उनकी रात में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मंदसौर के अनुयोग अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 25 जुलाई को दोपहर 12:45 बजे मौत हो गई।

परिवारजन की आपत्ति: प्राइवेट अस्पताल क्यों?

परिवारजनों का सवाल है कि शासकीय अस्पताल की बजाय एक निजी अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया? क्या यह मध्यप्रदेश सरकार के उन दावों को गलत साबित नहीं करता कि सरकारी अस्पताल ‘सुविधा संपन्न’ हैं? इस सवाल ने प्रशासन की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उंगली उठाई है।

पोस्टमार्टम और जांच प्रक्रिया

महिपाल सिंह का पोस्टमार्टम सीआरपीसी की धारा 176(1) के तहत न्यायिक जांच के अंतर्गत मेडिकल पैनल द्वारा किया गया है। पुलिस का दावा है कि उन्हें उल्टी हुई जो फेफड़ों में चली गई, जिससे न्यूमोनिया हुआ और उनकी मौत हो गई। लेकिन परिवारजन इस दावे को झूठा और गढ़ा गया बता रहे हैं। उनका कहना है कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया, वो चल नहीं पा रहे थे, जबकि डॉक्टरों का बयान है कि मरीज रात्रि 1:50 बजे OPD में आया और सुबह तक स्थिति गंभीर होती गई।

कौन है महिपाल सिंह और क्या था आपराधिक इतिहास?

महिपाल सिंह का विवाह बालोदा में हुआ था और उनका 12 वर्षीय पुत्र है। परिवार का कहना है कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जबकि अधिकारियों द्वारा 2009 के NDPS प्रकरण की बात की जा रही है, जो जांच का विषय है।

जांच की मांग और ASP को ज्ञापन

परिवारजनों ने ASP बघेल को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। इसमें खासतौर पर नारकोटिक्स अधिकारी राकेश चौधरी और भरत चावड़ा की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं। परिजनों का आरोप है कि महिपाल सिंह से किसी अन्य का नाम उगलवाने का दबाव डाला जा रहा था। इन बिंदुओं को लेकर जांच का दायरा और गहरा हो सकता है।

नारायण शर्मा
नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments