Friday, March 14, 2025

TOP NEWS

PANNA : मातम में...

घर में सो रहे टीचर की बेरहमी से हत्या, चार बच्चों के सिर...

SEHORE : मिनटों में...

गर्मी का मौसम आते ही ग्रामीण अंचलों में आगजनी की घटना देखने को...

UJJAIN : उज्जैन में...

उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली का त्योहार परंपरा अनुसार हर्षोल्लास से मनाया...

होली पर भद्रा का...

दीपक तिवारीहोली पर भद्रा का साया रहने से आज रात 11 बजकर 27...
Homeमहाराष्ट्रकोविड काल से GM हितेश मेहता कर रहा था गबन, परिचितों को...

कोविड काल से GM हितेश मेहता कर रहा था गबन, परिचितों को दिया पूरा पैसा… मुंबई के बैंक में 122 करोड़ के घोटाले की पूरी कहानी

कोविड काल से GM हितेश मेहता कर रहा था गबन, परिचितों को दिया पूरा पैसा… मुंबई के बैंक में 122 करोड़ के घोटाले की पूरी कहानी

मुंबई आशीष सिंह

मुंबई की न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आजतक के पास इस घोटाले के शिकायतकर्ता के बयान की एक्सक्लूसिव कॉपी है, जिससे पता चलता है कि बैंक के तत्कालीन जनरल मैनेजर (GM) हितेश मेहता ने बैंक के सुरक्षित लॉकर से भारी रकम गबन की थी.

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जब बैंक में कैश की भारी गड़बड़ी पाई तो उसने एक प्रशासक नियुक्त किया. 12 फरवरी को जब आरबीआई अधिकारियों ने बैंक का ऑडिट किया, तब इस घोटाले की परतें खुलीं.

शिकायतकर्ता के बयान के मुताबिक वह बैंक का एक वरिष्ठ कर्मचारी है, उसने बताया कि सुबह 9 बजे से वह मुंबई के प्रभादेवी स्थित बैंक के कॉर्पोरेट ऑफिस में मौजूद था. उसी समय आरबीआई के डिप्टी जीएम रवींद्रन और एक अन्य अधिकारी संजय कुमार ऑडिट के लिए पहुंचे. साथ ही बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी- जनरल मैनेजर, असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) और अन्य उच्च अधिकारी भी वहां मौजूद थे.

तीसरी मंज़िल के लॉकर से कैश गायब

शिकायतकर्ता के मुताबिक बैंक का मुख्य सुरक्षित लॉकर इमारत की तीसरी मंज़िल पर था. आरबीआई के अधिकारियों ने लॉकर की चाबियां न्यू इंडिया बैंक के कर्मचारी अतुल म्हात्रे से लीं और तिजोरी में रखे कैश को गिनने लगे. शिकायतकर्ता ने कहा कि आरबीआई अधिकारियों की एक टीम उसी वक्त न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की गोरेगांव ब्रांच में भी गई थी और वहां रखी तिजोरी में कैश गिन रही थी.

बयान के मुताबिक कुछ घंटों बाद आरबीआई के अधिकारियों ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को ऊपर बुलाया और बताया कि तीसरी मंजिल पर स्थित बैंक के लॉकर में रखी नकदी और रजिस्टर में दर्ज नकदी में भारी अंतर है. बैंक के लॉकर से 122 करोड़ रुपये कैश गायब है और गोरेगांव शाखा से भी कुछ रकम कम थी.

जीएम हितेश मेहता ने स्वीकार किया गबन

शिकायतकर्ता के अनुसार हम सभी हैरान थे और हमें नहीं पता था कि क्या कहना है. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमें बताया कि अगर हम उन्हें नहीं बताएंगे कि कैश कहां है तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे. साथ ही हमसे कहा गया कि अगर आप बताना चाहें हैं, तो उन्हें ईमेल भी कर सकते हैं. इस बीच हितेश मेहता ने आरबीआई के अधिकारियों से अकेले में मुलाकात की. इसके बाद अन्य वरिष्ठ बैंक अधिकारियों को बुलाया गया. साथ ही हितेश मेहता ने कैश गबन करने की बात स्वीकार कर ली.

शिकायतकर्ता के बयान के मुताबिक जब मेहता से पूछा गया कि इतनी बड़ी रकम कहां गई, तो उसने कहा कि उसने यह पैसा कुछ परिचितों को दे दिया. जब उससे पूछा गया कि यह गबन कब से चल रहा था, तो उसने जवाब दिया कि कोविड के समय से ही वह बैंक के लॉकर से पैसे निकाल रहा था.

ईओडब्ल्यू ने किया हितेश मेहता को गिरफ्तार

दादर पुलिस ने पहले इस मामले में प्राथमिक एफआईआर दर्ज की थी, जिसे बाद में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया. शनिवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने दहिसर में हितेश मेहता के घर पर छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस इस घोटाले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर गबन किए गए 122 करोड़ रुपये कहां गए और इसमें और कौन-कौन शामिल है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments