लोकेश शर्मा
एमपी के राजगढ़ शहर को राजस्थान सीमा से जोड़ने वाला बारोल गांव की सड़क में ज्यादा कुछ खराबी नहीं थी, लेकिन 5 साल पूरा हो जाने के कारण 20 किलोमीटर की इस सड़क पर मेंटेनेंस के लिए 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए। जिस पर हाल ही में डामर का सील कोट किया गया। लेकिन इस काम की गुणवत्ता इतनी कमजोर है, कि ग्रामीण डामरीकरण होने के बाद इसे हाथों से ही उखाड़कर दिख रहे हैं।
लगभग 20 किलोमीटर लंबी सड़क पर डामर होने के बाद जब ग्रामीण सड़क से निकल रहे हैं, तो कहीं ना कहीं इस काम की गुणवत्ता की पोल खोलते हुए नजर आ रही है। जगह-जगह से गांव के लोग डामर होने के बाद इसके उखाड़ने के वीडियो बनाकर डाल रहे हैं।
मनमानी पूर्वक कर रहे काम
खुद पूर्व विधायक बापू सिंह तंवर ने काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिकांश जगह इसी तरह के काम किया जा रहे हैं। जिससे कुछ समय बाद ही लोगों को परेशानी होने लगती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी देखने तक नहीं पहुंच रहे कि काम कैसे हो रहा है। यही कारण है कि ठेकेदार मनमानी पूर्वक इस काम को कर रहे हैं। जिससे इस सड़क का उपयोग करने वाले ग्रामीणों को कुछ दिन बाद ही परेशानी होगी।
बारोल से राजगढ़ तक की सड़क
इस सड़क पर राजगढ़ से लेकर बारोल तक डामरीकरण किया जा रहा है। बारोल गांव राजस्थान सीमा से जुड़ा हुआ है। गांव के बाद ही राजस्थान सीमा लग जाती है। यही कारण है कि लोग सीधे राजस्थान तक पहुंच सके, इसलिए सड़क का मेंटीनेंस किया गया। लेकिन यदि काम की गुणवत्ता इस तरह की रहेगी तो लोग कैसे इस सड़क का उपयोग कर पाएंगे। बीते कुछ समय राजगढ़ के आसपास जहां भी सड़कों का मेंटेनेंस किया जा रहा है, वहां काम की गुणवत्ता बेहद कमजोर है।
जहां देखो वहीं पर भ्रष्टाचार नजर आ रहा है कोई कुछ बोलने वाला नहीं है धार्मिक स्थल को भी नहीं छोड़ा जालपा मंदिर की पहाड़ी पर जो काम किया उसको भी गुणवत्ताहीन तरीके से किया गया और कई काम छोड़ दिए लेकिन विभाग ठेकेदार को भुगतान करने में पीछे नहीं रहा। अभी सड़क पर भी लोग हाथों से डामर उखड़ रहे हैं।- बापूसिंह तंबर, पूर्व विधायक
मेरी बात हो गई है वीडियो डालने वाले से भी और तंबर साहब से भी। उन्हें बता दिया है कि अभी नया काम है, वह तो उखड़ेगा ही। हम लोग काम की मॉनीटरिंग कर रहे हैं, जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत है।- आरके धनवाल, सब इंजीनियर पीडब्ल्यूडी राजगढ़