मध्य प्रदेश की दमोह नगर पालिका (damoh nagar palika) में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। बाजार में जहां एक टायर की कीमत 15,186 रूपए है, वहीँ टेंडर इसे में 44,789 रूपए में मंजूर किया गया है।

मध्यप्रदेश की दमोह नगर पालिका की टेंडर घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। बाजार में 15,186 रूपए का मिलने वाला टायर 44,789 रूपए में स्वीकृत कर दिया गया। जैसे ही यह अनियमितता उजागर हुई, संबंधित टेंडर को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। इस मामले में कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर होने पर एक ऑपरेटर को भी हटा दिया गया है।
महंगे दाम पर पास हुआ टायर टेंडर
नगर पालिका ने हाल ही में टायर, ट्यूब और बैटरी की खरीदी के लिए टेंडर जारी किया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद एजेंसी का चयन भी कर लिया गया, लेकिन जब दरों की समीक्षा हुई तो अधिकारियों के होश उड़ गए। हजार 20 कॉम्पेक्टर ट्रक के अगले टायर की कीमत 44,789 रूपए पास कर दी गई थी, जबकि बाजार में इसकी कीमत सिर्फ 15,186 रूपए थी। तीन गुना अधिक रेट का मामला सामने आते ही टेंडर को निरस्त कर दिया गया।
कर्मचारी ने अपनी ही कंपनी का टेंडर डाला
इस गड़बड़ी के अलावा एक और गंभीर मामला सामने आया। नगर पालिका में कार्यरत ऑपरेटर अयान सलाउद्दीन कुरैशी ने अपनी ही कंपनी एसक्यूएसके सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से टेंडर डाल दिया। इतना ही नहीं, उसने टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ भी की। जब यह मामला उजागर हुआ, तो टेंडर को तुरंत रद्द कर दिया गया और अयान को टेंडर प्रक्रिया से हटा दिया गया।
नगर पालिका प्रशासन की सफाई
सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि टेंडर में गड़बड़ी सामने आते ही दो टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं। ऑपरेटर अयान से अब कोई भी टेंडर संबंधी काम नहीं लिया जाएगा। साथ ही अन्य टेंडरों की भी जांच की जाएगी, और दोषियों पर कार्रवाई होगी। नगर पालिका की लापरवाही से जुड़े इस घोटाले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।