(नारायण शर्मा)
रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है, और इस खुशी के मौके पर भाई-बहन एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं। लेकिन त्योहारों के सीजन में मिठाइयों की मांग बढ़ने से मिलावट का खतरा भी बढ़ जाता है। मिलावटी मिठाइयां न सिर्फ़ आपके त्योहार का मज़ा किरकिरा कर सकती हैं, बल्कि ये आपकी सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक होती हैं।
इस रक्षाबंधन पर आप कुछ आसान तरीकों से असली और नकली मिठाई की पहचान कर सकते हैं।
घर पर ऐसे करें मिलावटी मिठाई की पहचान
मावा (खोया) की जाँच:
चखकर देखें: असली मावा खाने पर मुँह में नहीं चिपकता और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है।
रगड़कर देखें: मावे को हथेली पर रगड़ने पर अगर घी जैसी चिकनाहट आए और खुशबू मिले, तो वह असली है।
आयोडीन टेस्ट: मावे को पानी में उबालकर ठंडा करें और उसमें आयोडीन सॉल्यूशन की कुछ बूंदें डालें। अगर रंग नीला हो जाए, तो उसमें मिलावट है।
चांदी के वर्क की पहचान:
चांदी के वर्क की पहचान:
जलाकर देखें: मिठाई से वर्क का एक छोटा टुकड़ा निकालकर जलाएं। असली वर्क जलकर चांदी की छोटी गोली बन जाएगा, जबकि नकली (एल्युमिनियम) वर्क जलकर काली राख बन जाएगा।
रगड़कर देखें: मिठाई पर लगे वर्क को उंगली से रगड़ने पर अगर वह आपकी उंगली पर चिपक जाता है, तो वह नकली है।
रंगीन मिठाइयों से बचें:
रंगीन मिठाइयों से बचें:
पानी में घोलें: मिठाई का एक टुकड़ा हल्के गर्म पानी में डालें। अगर मिठाई तुरंत अपना रंग छोड़ने लगे, तो उसमें घटिया क्वालिटी के सिंथेटिक रंग मिले हुए हैं।
पनीर और घी की जाँच:
पनीर: पनीर को पानी में उबालकर ठंडा करें और आयोडीन डालें। अगर यह नीला हो जाता है, तो इसमें स्टार्च की मिलावट है।
देसी घी: एक चम्मच घी में थोड़ी चीनी और हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर देखें। अगर रंग गुलाबी या लाल हो जाए, तो इसमें वनस्पति घी मिला हुआ है।
खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें
हमेशा किसी भरोसेमंद और साफ़-सुथरी दुकान से ही मिठाई खरीदें।
बहुत ज़्यादा गहरे या चटकीले रंगों वाली मिठाइयां खरीदने से बचें।अगर पैकेट वाली मिठाई खरीद रहे हैं, तो उसकी ‘एक्सपायरी डेट’ और पैकिंग ज़रूर जाँच लें।
अगर संभव हो तो घर पर ही बेसन के लड्डू या नारियल की बर्फी जैसी मिठाइयां बना सकते हैं।