- इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना(Indore Manmad Rail Line) में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। रेल मंत्रालय ने नवंबर 2024 में जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन दो माह बाद भी जमीन अधिग्रहण का काम शुरू नहीं हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना में अब तक जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ है। परियोजना के तहत मप्र के तीन जिलों के 77 गांव से होकर रेल लाइन गुजरेगी। नवंबर 2024 में रेल मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफकेशन भी जारी कर दिया था।
इसके बाद अब मंत्रालय ने महू तहसील के 18 गांव की सूची जारी की। बावजूद दो माह बाद भी जमीन अधिग्रहण का काम शुरू नहीं हो पाया है।
अफसरों के अनुसार रेल मंत्रालय द्वारा 14 जनवरी को जारी नोटिफकेशन के अनुसार महू तहसील के खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया, और महू केंटोमेंट एरिया की चिह्नित जमीन का रेल प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण होना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इधर… इकोनामिक कॉरिडोर पर किसानों को मिलेंगे 60 प्रतिशत विकसित भूखंड
इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कॉरिडोर क्षेत्र के किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का इंदौर एयरपोर्ट पर आभार जताया। सरकार ने किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए इकोनामिक कॉरिडोर परियोजना में कुल विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा किसानों को आवंटित करने का निर्णय लिया है।
इससे हजारों किसानों को फायदा मिलेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर आभार प्रकट किया।
रंगपंचमी के दिन दीपावली कर दी
किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री आपने रंगपंचमी के दिन हमारी दीपावली कर दी। इस निर्णय से क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी और अधोसंरचना का विस्तार होगा। वहीं स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। गौरतलब है कि इकोनामिक कॉरिडोर योजना का किसान लंबे समय से विरोध कर रहे थे। किसानों के विरोध के कारण जमीन अधिग्रहण और अन्य प्रक्रिया लंबित थी।

पहले किसानों को कुल भूमि के बदले 50 प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाने थे। अब सरकार 60 प्रतिशत विकसित भूखंड किसानों को देगी। इस दौरान एयरपोर्ट पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
1290.74 हेक्टेयर भूमि का होगा विकास
इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कॉरिडोर योजना में कुल 1290.54 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा। इसमें किसानों को मुआवजे के बदले कुल विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा प्रदान किया जाएगा।