राहुल गांधी ने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण पर बनी अध्ययन समिति के सदस्य प्रो. सुखदेव थोराट से बात की.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को जाने-माने शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, दलित विषयों के जानकार और तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण पर बनी अध्ययन समिति के सदस्य प्रो. सुखदेव थोराट से बाबा साहेब आंबेडकर के महाड़ सत्याग्रह के महत्व पर चर्चा की. इस चर्चा का वीडियो राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा किया है.
वीडियो के साथ पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, “98 साल पहले शुरू हुई हिस्सेदारी की लड़ाई जारी है. 20 मार्च 1927 को बाबासाहेब आंबेडकर ने महाड़ सत्याग्रह के जरिए जातिगत भेदभाव को सीधी चुनौती दी थी. यह केवल पानी के अधिकार की नहीं, बल्कि बराबरी और सम्मान की लड़ाई थी.”
इस चर्चा में दलितों की शासन, शिक्षा, नौकरशाही और संसाधनों तक पहुंच के लिए जारी संघर्ष पर भी विस्तार से बातचीत की गई. राहुल गांधी ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर का सपना आज भी अधूरा है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ अतीत की नहीं, बल्कि आज की भी लड़ाई है और कांग्रेस इसे पूरी ताकत से लड़ेगी.
जातिगत जनगणना: असमानता के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को असमानता की सच्चाई को सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे इस सच्चाई को बाहर आने देना नहीं चाहते. उनका मानना है कि जातिगत जनगणना से समाज में व्याप्त असमानता की गहरी जड़ों का पता चलेगा, जिससे न्यायपूर्ण और समावेशी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.
तेलंगाना में आरक्षण: एक क्रांतिकारी कदम
राहुल गांधी ने तेलंगाना सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण के आधार पर आरक्षण लागू करने के निर्णय की सराहना की. तेलंगाना, जाति सर्वेक्षण के आधार पर आरक्षण लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है. विधानसभा ने हाल ही में सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों (Backward Classes – BC) के लिए आरक्षण बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने संबंधी एक विधेयक पारित किया है.
राहुल गांधी ने इस कदम को “क्रांतिकारी” बताते हुए कहा कि यह देश भर में जाति जनगणना कराने की कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने पिछड़े वर्गों को उनके उचित अधिकार दिलाने के लिए वैज्ञानिक जाति गणना डेटा का उपयोग किया हैय उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश को इसकी जरूरत है और जाति जनगणना निश्चित रूप से भारत में होगीय