( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
- अगर किसी का भीषण एक्सीडेंट हो जाता है और आप उन्हें समय से अस्पताल पहुंचाकर जान बचाते हैं तो आपको 25,000 रुपये का इनाम मिलेगा.
बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए केन्द्र के साथ राज्य सरकारों ने भी इस दिशा में तेजी से प्रयास शुरू किए हैं. वहीं सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके, इसके लिए भी लगातार कोशिश की जा रही है. वैसे भी किसी की जान बचाने से ज्यादा पुण्य का काम दूसरा नहीं हैं. इस नेक काम के लिए अब सरकार उन लोगों को बतौर इनाम भारी भरकम राशि भी देने जा रही है. मतलब यदि अब आप घायलों को समय से अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाते हैं तो आपको सरकार इनाम देगी.
केन्द्र सरकार की ‘राहवीर योजना’ मध्य प्रदेश में लागू
केंद्र सरकार की ‘राहवीर योजना’ अब मध्य प्रदेश में भी लागू हो गई है. इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में अगर आप किसी की जान बचाते हैं तो पुलिस आपको परेशान नहीं करेगी. इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार इनाम के साथ-साथ सम्मान पत्र भी देगी. इसके लिए आपको 25,000 हजार का इनाम मिलेगा. इस योजना का उद्देश्य आम लोगों को बिना किसी डर के इमरजेंसी में सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है.
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने योजना को दी मंजूरी
सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले व्यक्तियों को इनाम देने की राहवीर योजना को मध्य प्रदेश में भी लागू कर दिया गया है. इंदौर के राजवाड़ा में हुई मोहन सरकार की कैबिनेट की बैठक में केन्द्र सरकार की इस योजना को मध्य प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रिमंडल ने यह योजना लागू करने के साथ यह भी निर्णय लिया है कि दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों से पूछताछ नहीं की जाएगी.
राहवीर योजना को लागू करने का उद्देश्य
इस योजना को मध्य प्रदेश में लागू करने का उद्देश्य लोगों को एक-दूसरे की मदद के लिए प्रोत्साहित करना है. खास तौर पर सड़क दुर्घटना में घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके. यह योजना लोगों को तत्काल सहायता और राहत कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. कई बार समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण घायल व्यक्ति अपनी जान गंवा देते हैं. आम लोगों को बिना किसी डर के इमरजेंसी में सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है.
मदद करने पर मिलेगा 25000 का इनाम
अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाता है और आप उन्हें समय से (Golden Hour) अस्पताल पहुंचाकर जान बचाते हैं तो आपको 25,000 रुपये का इनाम मिलेगा. मध्य प्रदेश सरकार राहवीर योजना के अंतर्गत पीड़ितों की मदद करने वालों को इनाम के साथ प्रशस्ति पत्र भी देगी.
कैसे मिलेगा इनाम
इस योजना में जान बचाने वाले व्यक्ति को दुर्घटना स्थल पर रुकना होगा, तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करना होगा और घायलों को चिकित्सा देखभाल के लिए ले जाने में सक्रिय रूप से मदद करनी होगी. अगर कोई व्यक्ति घायल को सीधे अस्पताल लेकर पहुंचता है तो अस्पताल की ओर से पुलिस को सूचना दी जाएगी. पुलिस जिला कलेक्टर को सूचित करेगा. इस रिपोर्ट की कॉपी घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को दी जाएगी और बाद में इनाम की राशि परिवहन विभाग उस शख्त के बैंक अकाउंट में भेजेगा. अगर जान बचाने वाले एक से ज्यादा लोग हैं तो इनाम की राशि उनमें बराबर बांट दी जाएगी. सरकार की ओर से इनाम के अलावा ‘प्रशंसा पत्र’ भी मिलेगा. प्रत्येक जिले के लिए कलेक्टर एक समिति बनाएंगे, जिसके अध्यक्ष वे स्वयं होंगे.
मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं
मध्य प्रदेश में साल दर साल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रहीं हैं. 2018 में 51,397 सड़क दुर्घटनाओं में 10,706 लोगों की जान गई और 54662 लोग घायल हुए. 2019 में 50,669 सड़क दुर्घटनाएं हुईं इनमें 11,249 लोगों की जान गई और 52816 लोग घायल हुए. 2020 में 45,266 सड़क दुर्घटनाओं में 11,141 लोगों की मौत हो गई और 46456 लोग घायल हुए. 2021 में 48,877 सड़क दुर्घटनाएं हुईं इनमें 12,057 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 48956 लोग घायल हो गए. 2022 में 54,432 रोड एक्सीडेंट में 13427 लोगों की मौत हुई तो 55168 लोग घायल हुए.
चयन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
1. यदि घटना की सूचना राहवीर (गुड सेमेरिटन) द्वारा सबसे पहले पुलिस को दी जाती है, तो डॉक्टर से विवरण सत्यापित करने के बाद पुलिस ऐसे राह-वीर (गुड सेमेरिटन) को आधिकारिक लेटर पैड पर एक पावती देगी. जिसमें राहवीर का नाम, उसका मोबाइल नंबर और पता, घटना का स्थान, दिनांक और समय और राहवीर ने पीड़ित की जान बचाने में किस तरह मदद की है आदि का उल्लेख होगा. पावती की प्रति संबंधित पुलिस स्टेशन द्वारा जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी. जिसकी एक प्रति राह-वीर को भी भेजी जाएगी.
2. यदि राहवीर पीड़ित को सीधे अस्पताल ले जाता है, तो संबंधित अस्पताल पुलिस स्टेशन को सारी जानकारी उपलब्ध कराएगा. पुलिस ऐसे राहवीर को आधिकारिक लेटर पैड पर एक पावती देगी. जिसमें राहवीर का नाम, उसका मोबाइल नंबर और पता, घटना का स्थान, तारीख और समय, राहवीर ने पीड़ित की जान बचाने में किस तरह मदद की है, आदि का उल्लेख होगा. पावती की प्रति जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी, जिसकी एक प्रति राह-वीरों के नाम भी होगी.
3. जिला स्तर पर मूल्यांकन समिति में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी, सीएमएचओ, आरटीओ (परिवहन विभाग) शामिल होंगे. प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति जिसमें आयुक्त (स्वास्थ्य) और एडीजीपी (यातायात और आरएस) सदस्य होंगे और आयुक्त (परिवहन) सदस्य सचिव होंगे. योजना के उचित कार्यान्वयन की निगरानी के लिए तिमाही बैठकें करेंगे.
4.पुलिस स्टेशन/अस्पताल से सूचना प्राप्त होने पर जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति मासिक आधार पर प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और उन्हें मंजूरी देगी. यह सूची संबंधित राज्य/यूटी परिवहन विभाग के परिवहन आयुक्त को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी. चयनित राहवीर के लिए भुगतान राज्य/यूटी के परिवहन आयुक्त द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में PFMS के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा.
5. प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर तक या सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित तिथि तक प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की राज्य स्तरीय निगरानी समिति राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए तीन सर्वाधिक योग्य प्रस्तावों को वार्षिक आधार पर इस मंत्रालय को आगे विचारार्थ भेजेगी.
6. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक मूल्यांकन समिति, जिसके अध्यक्ष एएस/जेएस (सड़क सुरक्षा) होंगे तथा जिसमें निदेशक/उप सचिव (सड़क सुरक्षा), निदेशक/उप सचिव (परिवहन) तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के उप वित्तीय सलाहकार शामिल होंगे. प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करेंगे तथा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ 10 राहवीरों का चयन करेंगे. उन्हें दिल्ली में एनआरएसएम के दौरान प्रत्येक को 1,00,0001 रुपये तथा प्रमाण-पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की जाएगी.
7. राहवीर द्वारा स्वेच्छा से दी गई जानकारी का उपयोग केवल योजना के तहत पुरस्कार के लिए प्रस्ताव की प्रक्रिया के लिए किया जाएगा. किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं. साथ ही, राहवीर मदद करने के बाद यदि अपनी जानकारी गुप्त रखना चाहते हैं तो उन्हें योजना के तहत पुरस्कार नहीं दिया जाएगा.
8. किसी व्यक्ति को एक साल में अधिकतम 5 बार राहवीर पुरस्कार दिया जा सकता है.