- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि समाज में जातिगत भेदभाव खत्म होना चाहिए. उन्होंने नेताओं को जातिवादी बताया.
अमरावती/मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जातिवाद की राजनीति को लेकर बेबाक बयान दिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता गडकरी ने शनिवार को कहा कि आम लोग जातिवादी नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवादी होते हैं.
महाराष्ट्र के अमरावती में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ापन राजनीतिक हित बनता जा रहा है. उन्होंने कहा, “इस बात की होड़ लगी रहती है कि कौन ज्यादा पिछड़ा है.”
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि सामाज में असमानता को खत्म करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि समाज में जातिगत भेदभाव खत्म होना चाहिए और इसकी प्रक्रिया हमें खुद से शुरू करनी चाहिए.
भारत की कृषि वृद्धि दर दो साल में 20 प्रतिशत होगी: गडकरी
वहीं, शनिवार को ही मुंबई में एक मीडिया कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि भारत की कृषि वृद्धि दर अगले दो वर्षों में 20 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाना और अधिक रोजगार सृजित करना है. उन्होंने कहा कि देश की लगभग 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, लेकिन वे देश के विकास में केवल 12 प्रतिशत का योगदान देते हैं.
उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और भारत को दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि बहुत महत्वपूर्ण हैं. गडकरी ने कहा, “सरकार सिंचाई क्षेत्र को बढ़ावा देने पर काम कर रही है. हमें दुनिया की सबसे सफल तकनीक की जरूरत है. कृषि अर्थव्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र में अधिक रोजगार सृजित करेगी.”
अर्थव्यवस्था के सामने मूल समस्या लॉजिस्टिक्स लागतसड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि देश भर में 36 ग्रीन हाईवे बनाए जा रहे हैं. साथ ही बंदरगाहों को जोड़ने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाएं भी चल जा रही हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सामने मूल समस्या लॉजिस्टिक्स लागत है, जो 14-16 प्रतिशत है. हमें इसे 9 प्रतिशत तक लाने की जरूरत है. अच्छी सड़कें और वैकल्पिक ईंधन लागत में कमी सुनिश्चित करेंगे. निर्यात में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
सड़कों की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किए जाने पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने दोषी ठेकेदारों को काली सूची में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि जब वह 2014 में मंत्री बने थे, तब देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का आकार 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.