Explore the website

Looking for something?

Sunday, June 1, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

बिलगढ़ा डैम पर कलेक्टर...

डिंडोरी। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या की पहल पर शनिवार को भिलगढ़ा डैम पर...

भोपाल में गरजे पीएम...

पीएम मोदी ने कहा कि- पहलगाम में आतंकियों ने भारतीयों का खून ही...

खंडवा : 22 मकानों...

खंडवा/मध्य प्रदेश के खंडवा शहर के दूधतालाई क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए...

बालाघाट : सादगी और...

आधुनिकता की चकाचौंध में धीरे-धीरे सादगी से भरी प्राचीन परंपराएं मानों खत्म होने...
Homeदेशसीमाओं से उठी देशभक्ति की हुंकार, पूर्व सैनिक बोले- आज भी कर...

सीमाओं से उठी देशभक्ति की हुंकार, पूर्व सैनिक बोले- आज भी कर देंगे पाकिस्तान के दांत खट्टे

  • भारत-पाक तनाव के बीच राजस्थान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज. जैसलमेर में दौड़ी देशभक्ति की लहर. पूर्व सैनिक बोले- देश की रक्षा के लिए तैयार.

‘ऑपरेशन सिंदूर’….एक ऐसा नाम जो आज हर हिंदुस्तानी के दिल में गर्व और दुश्मन के लिए डर का प्रतीक बन गया है. भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई ने जहां सीमा पार दुश्मन को उसकी औकात दिखाई, वहीं देश के सीमावर्ती इलाकों में देशभक्ति की ऐसी लहर दौड़ी है, जो अब रुकने वाली नहीं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने जैसलमेर जिले में भूतपूर्व सैनिकों से बातचीत की, जिन्होंने 1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध को या तो लड़ा था या उसे बेहद करीब से देखा है.

भारत द्वारा हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने देशभर में जोश और गर्व की लहर दौड़ा दी है. यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं रही, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में नई चेतना और आत्मबल का संचार बनकर उभरी है. जैसलमेर के सरहदी गांवों में आज हर कोना तिरंगे से सजा है और हर जुबान पर सिर्फ एक बात है, ‘अब वक्त है निर्णायक कार्रवाई का’

भूतपूर्व सैनिकों की हुंकार, अब सिर्फ जवाब नहीं हिसाब चाहिए

सीमावर्ती गांवों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिक आज फिर से मोर्चा संभालने को तैयार हैं. इनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया है कि भारत अब सिर्फ सहन करने वाला देश नहीं रहा. भूतपूर्व फौजी बताते हैं कि हमने पाकिस्तान की हर चाल देखी है. अब वक्त आ गया है, उसे हर मोर्चे पर तोड़ने का. सरकार आदेश दे तो हम फिर से हथियार उठाने को तैयार हैं.

पाकिस्तान के चार टुकड़ों की मांग

स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. वहीं, भूतपूर्व सैनिक कैप्टन अमर सिंह भाटी का कहना है कि अब केवल सीमा की सुरक्षा नहीं, बल्कि पाकिस्तान के भीतर आजादी की आवाजों को समर्थन देने की जरूरत है. बलूचिस्तान, सिंध, खैबर और पंजाब को स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमने बहुत सहा है, अब वक्त है कि पाकिस्तान नाम की साजिश को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए’.

हर गांव बना सीमा की पहली दीवार

पूर्व सैनिक कैप्टन आम्ब सिंह ने कहा कि जैसलमेर के गांव अब खुद को सीमा की पहली रक्षा-पंक्ति मान रहे हैं. यहां के लोग खुले तौर पर कह रहे हैं कि घुसपैठ की अब कोई जगह नहीं बची. हर घर तैयार है- किसी भी हमले का जवाब देने के लिए. गांव-गांव में तिरंगे फहराए जा रहे हैं.

सिंध और हिंद का पुराना रिश्ता

पूर्व सैनिकों ने यह भी याद दिला रहे हैं कि सिंध और भारत का रिश्ता सिर्फ भौगोलिक नहीं, सांस्कृतिक और पारिवारिक भी है. सिंध की धरती पर भारत का इतिहास रचा गया है, वहां की परंपराएं और भाषा आज भी हिंदुस्तान से जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि सिंध से हमारा रोटी और बेटी का रिश्ता है, इसलिए सिंध को भी पाकिस्तान से अलग करना चाहिए.

प्रधानमंत्री और सेना को मिला समर्थन

गांवों के लोग प्रधानमंत्री की निर्णायक नीति और सेना की वीरता की जमकर सराहना कर रहे हैं. भूतपूर्व सैनिकों का कहना है कि देश अब इंतजार नहीं करेगा. हर गांव से सैकड़ों नौजवान सेना में जाने को तैयार हैं, बस सरकार के आदेश की जरूरत है. यहां तक कि अगर हमें भी आदेश मिलता है तो हम दूसरी रक्षा पंक्ति के रूप में देश की सीमाओं की हिफाजत करने में पूरी तरह से सक्षम व तैयार हैं.

जैसलमेर से उठी आवाज, पूरे देश में गूंज

बता दें कि जैसलमेर की सीमाओं से उठी यह देशभक्ति की आवाज अब पूरे देश में गूंज रही है. गांवों के लोग केवल जवाब नहीं चाहते, वे अब हिसाब चाहते हैं. पाकिस्तान से हर उस जख्म का, जो उसने भारत को दिए हैं.

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version