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स्टील पर लगी 12 फीसदी सेफ गार्ड ड्यूटी से एक्सपोर्टर्स को होगा नुकसान, स्थानीय इंडस्ट्री को मिलेगा फायदा

केंद्र सरकार ने आज बाहरी देशों से आने वाले स्टोल पर 12 प्रतिशत सेफ गाई इयूटी लगा दी है। यानी की यह एक तया की इंपोर्ट ड्युटी होती है। इसके लगने से वहां स्टील बनाने पाली इंडस्ट्री और स्टील का इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्री के चेहरे खिल गए हैं। वहीं पर निर्माताओं के चेहरे मुरझा गए। वजह साफ है कि स्थानीय स्टील निर्माता अब इसकी कीमत बढ़ाएंगे और उसका नुकसान निर्यातकों को होगा। क्योंकि भारतीय बाजार में जो स्टील के दाग होते हैं उसी के आधार पर विदेशी कंपनियों से निर्याताओं द्वारा ऑर्डर बुक किए जाते हैं। अब विदेशी कंपनियां तैयार माल की कीमतों में इजाफा नहीं करेंगी। अगर तैयार वस्तुओं का भुगतान नहीं किया तो विदेशी कंपनियां ऑर्डर रद्द कर देंगी।

युनाइटेड साइकिल

46 एंड पार्टस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अववार भोगल कहते हैं कि स्टील पर सेफगार्ड ड्यूटी लगने से अब स्थानीय इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा क्योंकि विदेशों से आने वाले स्टॉल के कारण जहां स्टील निर्माता को नुकसान होता था वहीं पर स्टील का इस्तेमाल करने वाली साइ‌किल इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी मुसीबत होती थी। क्योंकि कोई भी कीमत एक जैसी नहीं रहती थी। अब सेफगार्ड ड्यूटी लगने से दाम नीचे गिरेंगे। । लेकिन केंद्र सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि स्थानीय इंडस्ट्री अब सेफगार्ड ड्यूटी का कोई नाजायज फायदा उठाते हुए ब्लैक मार्केटिंग ना करें। इसके लिए भी केंद्र सरकार को एक गुप्त टीम तैयार करनी चाहिए ताकि अगर कोई ऐसी ब्लैक मार्केटिंग जैसी कोई इंडस्ट्री हरकत करती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने सेफगार्ड ड्यूटी लोकल इंडस्ट्री को बचाने के लिए ही लगाई है। लोकल इंडस्ट्री रेट बढ़ाने की बजाय स्टील को तैयार कर उसे स्टील इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्री को कम दामों में बेचे।

इस संबंध में फीयी के राष्ट्रीय प्रधान एस.एस.सी रलहन कहते हैं कि इससे निर्यातकों को नुकसान होगा। अमेरिका ने पहले से ही 25 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा रखी है। ऊपर से अब भारत सरकार ने 12 फीसदी सेफ गार्ड ड्यूटी लगाकर स्टील के दाम बढ़ाने ने का एक नया रास्ता खोल दिया है। इससे अब निर्यातकों को ऑर्डर भुगतान करने में सबसे बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।”

यूरो फोर्ज के मैनेजिंग डायरैक्टर अमित गोस्वामी कहते हैं कि उन्होंने हाल ही में कुछ ऑर्डर बुक किए हैं लेकिन अब जैसे ही कल से स्टील के दाम बढ़ेंगे उनके लिए स्टील खरीदना मुश्किल हो जाएगा और जिस भाव पर अब स्टील मिलेगा उससे तैयार माल की कीमत बढ़ जाएगी। जिसका सीधा असर उनकी जेब पर पड़ेगा। क्योंकि विदेशी कंपनियां जब एक बार कीमत तय कर लेती हैं तो दोबारा तैयार माल की कीमतों में इजाफा नहीं करती। इसलिए उन्हें अब लगने लगा है कि जेब से पैसा डालकर इस आर्डर का भुगतान करना पड़ेगा। अगर ऑर्डर का भुगतान नहीं किया तो भविष्य में कंपनियों से आर्डर मिलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में अब घाटा उठाकर आर्डर भुगतान करना पड़ेगा।”

इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन ऑफ़ नॉर्थ इंडिया के प्रधान के. के. गर्ग कहते हैं कि सैफगार्ड ड्यूटी लगने से स्थानीय इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा लेकिन यह फायदा तभी है अगर स्टील बनाने वाली कंपनियां ब्लैक मार्केटिंग ना करें अगर ऐसा कर दिया तो केंद्र सरकार इस सैफगार्ड ड्यूटी के नोटिफिकेशन को कभी भी वापस ले सकती है क्योंकि सरकार ने इसे फिलहाल टेंपरेरी तौर पर ही लगाया है। उन्होंने स्टील निर्माताओं से आग्रह किया है कि अब सेफगार्ड ड्यूटी का नाजायज फायदा ना उठाते हुए स्थानीय इंडस्ट्री को परेशान ना किया जाए।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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