6 साल की उम्र में दिल्ली से लापता बच्चे को पंचकूला एएचटीयू की मेहनत से 23 की उम्र में वापस मां-बाप का प्यार नसीब हुआ.
पंचकूला: हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) पंचकूला की टीम लगातार किए गए प्रयासों से 6 साल की आयु में लापता हुआ एक बच्चा 17 साल बाद अपने परिवार से मिल सका है. यह बच्चा पुलिस थाना कपासहेड़ा जिला साउथ वेस्ट दिल्ली के इलाके से साल 2008 में उस समय लापता हुआ, जब वह टॉफी खरीदने गया था. आज यह बच्चा आईटीआई पास करने के बाद बीए के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा 23 वर्षीय आरिफ खान है, जिसे उसके बिछड़े परिवार से मिलाने में सबसे बड़ी भूमिका एएचटीयू टीम के सदस्य एसआई राजेश कुमार की रही.
संस्था ने हरियाणा पुलिस से मांगी मदद
एसआई राजेश कुमार ने 17 साल पहले लापता हुए आरिफ खान को उसके परिवार से मिलाने के लिए 20 दिन तक तेजी से तलाशी अभियान चलाया. राजेश कुमार को 4 मार्च 2025 को ई-मेल के माध्यम से सूचना मिली थी कि एक गुमशुदा लड़का, आरिफ खान राजकीय उत्तर रक्षा गृह सोनीपत में रह रहा है. उन्हें बताया गया कि आरिफ खान 12 जून 2008 को एक संस्था को गुरुग्राम में लावारिस घूमते मिला था. तब इस बच्चे को गुरुग्राम से हरियाणा के राई स्थित बाल ग्राम राई में लाया गया. फिर 27 मार्च 2015 में बाल ग्राम राई से बच्चे को राजकीय उत्तर रक्षा गृह में लाया गया. संस्था द्वारा एसआई से आरिफ खान के परिवार की तलाशी के लिए मदद मांगी गई.
आरिफ खान को याद था पिता का नाम
एसआई राजेश कुमार ने वेलफेयर ऑफिसर से संपर्क करने के बाद गुमशुदा आरिफ खान की वीडियो काउंसलिंग की. आरिफ खान से उसके पिता का नाम एहसान खान पता लगा. इसके अलावा उसने बताया कि उसके घर के पास एक गंदे पानी का नाला था. इससे ज्यादा उसे कुछ याद नहीं था. इसके बाद एएचटीयू टीम ने आरिफ को उसके परिवार की तलाश का भरोसा दिया. पुलिस थानों के रिकॉर्ड और तकनीक से मदद ली: एसआई राजेश कुमार ने बच्चों के नाम और पिता के नाम पर जीप नेट की सहायता ली और उक्त वर्ष में गुमशुदा बच्चों के रिकॉर्ड को खंगाला. उस दौरान उन्हें एक रिकॉर्ड मिला, जिसमें दर्ज नाम आरिफ और उसके पिता का नाम मिलता जुलता था. इस संबंध में 12 जून 2008 को कपासहेड़ा पुलिस थाने में डीडीआर रिपोर्ट दर्ज मिली. इसके बाद एसआई राजेश ने थाना कपासहेड़ा दिल्ली पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने रिकॉर्ड की जांच के बाद बताया कि मामले को डिस्पोज ऑफ कर दिया गया है. इसके बाद एसआई राजेश कुमार ने सीसीटीएनएस रिकॉर्ड को खंगाला. इसमें 15 जून 2008 को धारा 363 आईपीसी के तहत थाना कपासहेड़ा जिला साउथ वेस्ट दिल्ली में केस दर्ज मिला. भोलू यादव ने दी मामले के बारे में जानकारी: एसआई राजेश को भोलू यादव नामक व्यक्ति का पता मिला, जिनसे संपर्क करने पर उन्होंने आरिफ के गुम होने के बारे में जानकारी दी. साथ ही यह भी बताया कि बच्चे के पिता सिलाई का काम करते थे. उन्होंने बताया कि बच्चा गुम होने के 3 महीने बाद ही वह कमरा खाली करके चले गए थे. भोलू ने बताया इसके बाद के पते के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन एसआई राजेश ने तलाश जारी रखी. आखिरकार मिला सुराग : इसके बाद एसआई राजेश को गांव कुंवारी पुलिस स्टेशन भाबाह जिला आगरा उत्तर प्रदेश का पता मिला. यहां के स्थानीय पुलिस स्टेशन की मदद से उन्होंने गांव के प्रधान से संपर्क किया. प्रधान ने गुमशुदा लड़के के पिता एहसान का संपर्क नंबर उन्हें उपलब्ध करवाया. एहसान से संपर्क कर वह संगम विहार दिल्ली उनसे मिलने पहुंचे. पिता एहसान खान ने बताया कि उनका लड़का आरिफ खान 6 वर्ष की आयु में वर्ष 2008 में कापसहेड़ा दिल्ली से लापता हो गया था. बहुत तलाश करने पर भी उन्हें उसका कुछ पता नहीं लगा. बेटा गुम होने पर मां ने छोड़ी इबादतः गुमशुदा आरिफ की मां ने बताया कि जब से उनका बेटा गुम हुआ है, उसी दिन से उन्होंने इबादत करना छोड़ दिया था. बताया कि उन्होंने यह ठान लिया था कि जब उनका बच्चा मिलेगा, उसी दिन से वे दोबारा इबादत करना शुरू करेंगी. एसआई राजेश कुमार ने बच्चों की गुमशुदगी के दस्तावेजों की जांच करने के बाद बच्चे की वीडियो कॉल कराई. इस कॉल पर माता-बाप को बताया गया कि उनका बच्चा सुरक्षित राजकीय उत्तर रक्षा गृह सोनीपत हरियाणा में रह रहा है. परिवार ने बेटे की पहचान की: बीती 24 मार्च को गुमशुदा आरिफ खान की मां-पिता ने अपने लड़के को पहचाना और आरिफ खान ने भी अपनी मां अफसाना और पिता एहसान खान को पहचान लिया. फिर आवश्यक दस्तावेजी कार्रवाई करने के बाद 17 वर्ष बाद अपने परिवार में लौटकर आरिफ और उनके मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. आरिफ खान के परिवार ने पुलिस को धन्यवाद कहा
अपने बच्चों का आधार कार्ड जरूर बनवाएं
आरिफ को स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला में कार्यरत एसआई राजेश कुमार की कड़ी मेहनत व संवेदनशीलता के चलते तलाश किया जा सका है. इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार लग्न से काम करने को प्रेरित किया. इस कार्य की प्रशंसा करते हुए एडीजीपी ममता सिंह ने संदेश दिया कि सभी अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाएं और समय अनुसार उसे अपडेट करवाया जाए. साथ ही कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति, महिला-बच्चा गुम हो जाता है तो परिवार के लोग सावधान रहें. कोई भी फोटो नकली बनाकर भेजता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें.