( आशीष जवखेड़कर )
इंदौर के गोविंद नगर में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई है, जहां एक व्यक्ति धर्मेंद्र नामदेव की मौत हो गई। वह अपने दामाद और रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए बाणगंगा थाने गया था। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ अभद्रता की और उससे झाड़ू लगवाई।
गोविंद नगर (खारचा) के धर्मेंद्र नामदेव को बाणगंगा थाने में ही अटैक आ गया। धर्मेंद्र अपने दामाद हरिगोविंद और उसके साथियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने गया था। पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों पर अदमचेक लिखा और धर्मेंद्र को थाने में बैठा लिया। उससे झाड़ू लगवाई गई। स्वजन ने हत्या का आरोप लगाया है। पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की मांग की है। 40 वर्षीय धर्मेंद्र कारखाने में काम करता था। रविवार सुबह दामाद हरिगोविंद सहित रिश्तेदार गोविंद, चंद्रभान, उमा, सोमती, रजनी, बाबू और अन्य रिश्तेदारों ने उसकी पिटाई कर दी। दोपहर को वह बाणगंगा थाने गया तो पुलिसकर्मियों ने अभद्रता की।
थाने में ही रोककर झाडू लगवाई
थोड़ी देर में दूसरा पक्ष भी थाने पहुंचा और धर्मेंद्र की शिकायत की। पुलिस ने दोनों पक्षों के विरुद्ध अदमचेक लिखने की कार्रवाई की। धर्मेंद्र को पुलिस ने थाने में ही रोक लिया। पुलिसकर्मी उससे झाड़ू लगवाने लगे। कुछ देर बाद उसके सीने में दर्द होने लगा।

डॉक्टर ने देखते ही बता दिया हार्ट अटैक आया है
पुलिस ने अस्पताल न ले जाते हुए धर्मेंद्र को रवाना कर दिया। वह ऑटो रिक्शा से घर गया और पत्नी रानी, बेटी भूमिका, प्रियंका के साथ नंदानगर अस्पताल गया। डॉक्टर ने देखते ही बता दिया कि धर्मेंद्र को अटैक आया है। कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई।
घटना से नाराज समाजजन कांग्रेस नेत्री रीटा डागरे के साथ बाणगंगा (मैन) पहुंचे और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के घर के सामने शव रख कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। रानी ने कहा कि उसके पति की हत्या हुई है।
सीने में ही मारा था
आरोपितों ने सीने में ही मारा था। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उसका थाने में भी अपमान हुआ। टीआई सियारामसिंह गुर्जर के मुताबिक पारिवारिक विवाद था। घटना के वक्त दोनों पक्ष थाने में मौजूद थे। पुलिस ने अदमचेक काटा था। वीडियो फुटेज में झाड़ू लगाते हुए नहीं दिखा है।
दहेज मांगने पर हुआ था झगड़ा
धर्मेंद्र की बेटी प्रियंका से दामाद हरिगोविंद दहेज मांगता था। इस बात पर विवाद हो गया था। रिश्तेदार विनय नामदेव के मुताबिक सुबह उसके सामने ही धर्मेंद्र के साथ मारपीट की गई। उसने दोस्तों की मदद से बचाया और थाने भेजा। कुछ देर बाद धर्मेंद्र की मौत की खबर आ गई।
मेरे पापा से नौकरों की तरह झाडू लगवाई
- हरिगोविंद (पति) मुझसे दहेज की मांग करता था। ससुरालवाले भी मारपीट करते थे। शुक्रवार को सभी (आरोपित) रिश्तेदार रामबाबू के घर आकर रुके। सुबह पापा से झगड़ा किया व मारा। वे थाने मदद मांगने गए थे। पुलिस ने सुनवाई नहीं की। कोई बात नहीं, पर अपमान करने का हक नहीं था। मेरे पापा से झाड़ू नहीं लगवानी थी। मैं चाबी लेने गई तो पापा मुझसे आंख नहीं मिला पाए। कुछ देर बाद उन्हें अटैक आ गया। थाने के सीसीटीवी फुटेज की जांच होना चाहिए। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होना चाहिए।