( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
इंदौर के सराफा इलाके में इस समय हालात जरा ठीक नहीं हैं, चाट-जंक फूड दुकानदारों और सर्राफा व्यापारी के बीच तकरार.
एनटीवी टाइम न्यूज इंदौर/ दुनिया भर में स्वाद और शुद्धता के लिए पहचाने जाने वाला इंदौरी फूड जोन सराफा चौपाटी इन दिनों स्वाद और सुरक्षा के संघर्ष से जूझ रहा है. यहां पारंपरिक दुकानों के स्थान पर महंगे दाम पर चाइनीज समेत अन्य सामान्य फूड आइटम की बिक्री हो रही है. तंग गलियों में खुले में गैस, भट्टियों का इस्तेमाल हो रहा है. वहीं सर्राफा व्यापारियों के शोरूम के सामने बड़ी संख्या में फूड की दुकान लगा लेते हैं, जिससे ग्राहक उनके दुकान तक नहीं पहुंच पाते.
इन बातों को लेकर सर्राफा व्यापारियों ने आपत्ति जताई है. जबकि ये दुकानदार अपनी दुकानों को सर्राफा से हटाने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों के बीच विरोध प्रदर्शन और विवाद की स्थिति बन रही है.
इंदौर में सर्राफा व्यापारी और चाट दुकानदरों के बीच तकरार
इंदौर के सर्राफआ चौपाटी पर सर्राफा व्यापारियों और चाट की दुकान लगाने वाले दुकानदारों के बीच का ये विवाद कोई नया नहीं है. इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब पिछले साल हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद इंदौर सर्राफा इलाके की जांच हुई. मामले में नगर निगम ने सर्राफा चौपाटी में सुरक्षा इंतजाम और उसे चलाने को लेकर जो 3 सदस्यों की समिति बनाई. समिति ने जांच में पाया गया कि यहां सोने चांदी को गलाने में गैस की टंकियों के उपयोग के चलते कभी भी हादसे हो सकतें हैं.
शाम 7 बजे से चाट-जंक फूड की दुकान खोलने का विरोध
इसके बाद यहां से चौपाटी को कहीं अन्य स्थान पर लगाने संबंधी रिपोर्ट समिति ने निगम प्रशासन को सौंप दी. इसी दरमियान सर्राफा व्यापारियों ने रात में 9 बजे के स्थान पर शाम को 7:00 बजे से ही उनकी दुकानों के सामने चाट की दुकानें लगाने का विरोध किया. जिसके बाद सर्राफा व्यापारियों और दुकानदारों के बीच विवाद की स्थिति बन गई. सर्राफा एसोसिएशन ने अपनी दुकान रात 10:00 बजे तक खोलने का फैसला कर लिया. नगर निगम प्रशासन को भी इस बात पर सहमत होना पड़ा.
रात 9 बजे दुकान खोलने का चौपाटी दुकानदारों ने जताया विरोध
लिहाजा नगर निगम ने अब सर्राफा में चाट की दुकान लगाने का समय रात 9:00 बजे कर दिया है. नगर निगम के फैसले से अब दुकानदार सहमत नहीं हैं. जो सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं. यहां अब ऐसी स्थिति बुधवा-गुरुवार रात को भी बनी. जिसके चलते पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. हालांकि बाद में चौपाटी 10:30 बजे शुरू हो सकी. वहीं सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि चाट-चौपाटी लगाने वाले दुकानदार अनावश्यक विरोध कर रहे हैं. वे यहां कि स्वाद की परंपरा से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
सराफा का मूल व्यवसाय प्रभावित
इंदौर में सोना चांदी ज्वेलर्स और चाट चौपाटी के संचालकों के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि शाम 7:00 से ही चौपाटी लगने से उनका कारोबार प्रभावित होता है. इंदौर सराफा एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अजय लाहोटी का कहना है कि “उनकी दुकानों के सामने ठेले लगने से ग्राहक बाजार तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें मजबूरन शाम को ही दुकान बंद करनी होती है, क्योंकि इंदौर में पहले 10 से 15 लोग ही स्वादिष्ट व्यंजन घर से तैयार करके उसके स्वाद से लोगों को वाकिफ कराने के लिए सराफा में आकर बेचते थे, लेकिन धीरे-धीरे यहां 80 दुकानों से संख्या बढ़कर 200-250 दुकान तक पहुंच गई है.
जहां बाजार में बिकने वाले औसत व्यंजन महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को ठगने की वजह से इंदौर की सराफा चौपाटी का नाम भी बदनाम हो रहा है. साथ ही इनमें स्वाद भी नहीं होता है.”


