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इंदौर : MP High Court ने कहा- कोई भी पति पत्नी की अश्लील चैटिंग बर्दाश्त नहीं कर सकता

( संवाददाता आशीष जवखेड़कर )

  • मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पति अपनी पत्नी की अश्लील चैटिंग को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। यह फैसला एक तलाक के मामले में सुनाया गया है, जिसमें पति ने पत्नी की चैटिंग को सबूत के रूप में प्रस्तुत किया था।

इंदौर। शादी के बाद पति और पत्नी को आजादी होती है कि वो अपने फोन पर जिससे चाहे चैटिंग करें, लेकिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप किस तरह की बातें कर रहे हैं। कोई पति यह स्वीकार नहीं करेगा कि उसकी पत्नी अपने दोस्त के साथ मोबाइल पर अश्लील चैटिंग कर रही है।

अगर आपत्ति के बावजूद पति या पत्नी ऐसी बातें करना जारी रखते हैं तो यह निश्चित रूप से दूसरे साथी के लिए मानसिक क्रूरता की वजह बनेगा। इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने कुटुंब न्यायालय के फैसले को यथावत रखते हुए अपील निरस्त कर दी।

यह है मामला

दंपती का विवाह वर्ष 2018 में हुआ था। पति का आरोप था कि विवाह के तुरंत बाद पत्नी ने उसकी मां के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। डेढ़ माह बाद ही ससुराल छोड़कर चली गई। पति का यह आरोप भी था कि पत्नी शादी के बाद अपने पुराने प्रेमी से मोबाइल पर चैटिंग करती थी।

वॉट्सएप पर हुई बातें अश्लील थीं

दोनों की वॉट्सएप पर हुई बातें अश्लील थीं। इधर पत्नी का कहना था कि जिन पुरुष से उसकी चैटिंग होने का आरोप लगाया जा रहा है, उसका उनसे कोई संबंध नहीं है। पति ने उसका मोबाइल हैक कर लिया था और उसके खिलाफ सबूत बनाने के लिए उन दो पुरुषों को उसी ने मैसेज किए थे।

पत्नी का यह भी कहना था कि पति ने उनके फोन से चैट निकाल कर उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन किया है। कुटुंब न्यायालय ने फैसले में कहा था कि पत्नी के खिलाफ पति के आरोप सही हैं। इसके चलते कोर्ट ने पति की ओर से प्रस्तुत तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया था।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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