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दिल्ली विधानसभा में सिर्फ सरकार, विपक्ष नहीं, ये कैसा लोकतंत्र? आतिशी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

दीपक तिवारी
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा नेता विपक्ष आतिशी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है. आतिशी ने राष्ट्रपति से तत्काल मिलने का समय मांगा है. गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक जब विधानसभा में प्रवेश करने जा रहे थे तो उन्हें जाने से रोका गया. आतिशी ने लिखा है कि विधानसभा परिसर के बाहर विधायकों को रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ है.
अतिशी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है. ये न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है. जब आम आदमी पार्टी ने विपक्ष के रूप में इस कदम का विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की बैठकों से निष्कासित कर दिया.

जानिए आतिशी ने राष्ट्रपति को क्या लिखा ?

आतिशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र में लिखा; ”आज 27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग कर हमे विधानसभा के परिसर के बाहर ही रोक दिया गया. जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है. इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा. यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया. यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है. अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज़ सुनी जा सके. लेकिन अभी जो हो रहा है, वह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज़ भी दब रही है.”

आतिशी ने पत्र में ये भी लिखा है कि इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दल उनसे तत्काल मुलाकात करना चाहते हैं ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें. यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्न पर संकट का संकेत है. “हम उम्मीद करते है कि आप इस अति गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी और आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए कल दिनांक 28/02/2025 का कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी.”

विधानसभा अध्यक्ष ने इसे बताया दुर्भाग्यपूर्ण: उधर, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि “उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था, संवैधानिक प्रावधानों का खुला उल्लंघन हुआ. जो भी कार्रवाई की गई वह नियमों के मुताबिक, सदन के प्रस्ताव के मुताबिक की गई और नियम पुस्तिका में साफ है कि सदन का मतलब विधानसभा होता है.”

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