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भोपाल : एमपी में अन्नदाताओं से धोखा, शिवराज सिंह ने कहा-जिनका नुकसान, उन्हें देंगे मुआवजा

मध्यप्रदेश में अन्नदाताओं से धोखा हो रहा है। बैतूल के मुलताई में सीमेंट व टाइल्स का बुरादा मिला डीएपी खपाया गया तो मंडला, खरगोन में खाद खेतों में कंकड़ की तरह पड़ा रहा। बारिश में भी नहीं घुला। उज्जैन समेत कई जिलों में सोयाबीन की बोवनी हुई, पर एक दाना तक नहीं उगा।

मध्यप्रदेश में अन्नदाताओं से धोखा हो रहा है। बैतूल के मुलताई में सीमेंट व टाइल्स का बुरादा मिला डीएपी खपाया गया तो मंडला, खरगोन में खाद खेतों में कंकड़ की तरह पड़ा रहा। बारिश में भी नहीं घुला। उज्जैन समेत कई जिलों में सोयाबीन की बोवनी हुई, पर एक दाना तक नहीं उगा। हद तब हो गई, जब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chouhan) ने साफ कह दिया कि नकली खाद-बीज बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। मंत्री के बयान के बाद पत्रिका ने पड़ताल की तो साफ हुआ कि यह सब पहले किसान कल्याण और कृषि विभाग ने खरीफ फसल की तैयारी नहीं की।

माफिया ने सरकारी खजाने में खाद-बीज की कमी का फायदा उठाकर नकली खाद-बीज बाजार में खपा दिए। जब माफिया ने नकली खाद-बीज खपाए तो किसानों ने शिकायत की। इसके बाद भी अफसर मानने को तैयार नहीं हुए।हालांकि विदिशा जैसे कुछ जिलों में ठोस कार्रवाई हुई। कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने अमानक कीटनाशक व खाद-बीज की शिकायत सही पाने पर 7 विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए। एक पर केस भी दर्ज कराया। लेकिन माफिया की सक्रियता और बेपरवाह सरकारी रवैए से किसान परेशान हैं।

प्रदेश में नकली खाद-बीज के मामले

● उज्जैन: माकड़ौन के लिंबादिया में सोयाबीन के बीज अंकुरित नहीं हुए। कृषि उप संचालक यूएस तोमर ने बारिश को कारण बताया। अमानक बीज मामले में 4 दुकानों पर कार्रवाई की। नागदा-खाचरौद में 8 दुकानों से खाद-बीज के सैंपल जांच के लिए भेजे।

बैतूल: मुलताई की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति ने इफको कंपनी के सांगरिका ब्रांड की खाद बेची। इसमें सीमेंट-टाइल्स की डस्ट निकली। किसान अनिल सोनी ने 31 मई को शिकायत कलेक्टर से की। सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।

आमला में कृषि विभाग का बांटा सोयाबीन का बीज जेएस 2098 अंकुरित नहीं हुआ। 19 किसानों की 40 एकड़ में फसल बर्बाद हुई।

मंडला: केवलारी, घुड़सार, बदेरी, चरगांव सहित आसपास के गांवों में 50 किसानों को नकली डीएपी खाद थमा दी। सरकारी दाम 1300 रुपए था, पेटेगांव से 1700 रुपए बोरी खरीदी। यह खेतों में नहीं घुली। फसल की ग्रोथ रुकी और धान पील पड़ गया।

खरगोन: पिपल्या की सहकारी संस्था से खरीदे सुपर फास्फेट पानी में मिलाने पर भी नहीं घुला। कृषि उप-संचालक एसएस राजपूत ने भी इसकी पुष्टि की। जांच के निर्देश।

हर साल कृषि उत्पादन आयुक्त की निगरानी में खरीफ बोवनी की तैयारी होती है। मई में तैयारी, जून में जिलों को खाद-बीज देते हैं। इस बार बारिश और बोवनी होने तक आयुक्त की बैठकें होती रहीं।

‘कीटनाशक कंपनियों के लिए नए कानून’केंद्रीय

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को संसदीय क्षेत्र विदिशा में कृषि उप-संचालक (डीडीए) पर नाराज हुए। जिला योजना समिति व दिशा की बैठक में उन्होंने डीडीए से पूछा-किसानों को खराब बीज कहां से मिला, कितने को नुकसान हुआ। डीडीए ने कहा-285 ने शिकायत की। शिवराज बोले-खराब बीज से जितने को नुकसान हुआ, सर्वे कराएं। सभी को मुआवजा दिलाएंगे। वे बोले-कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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