Explore the website

Looking for something?

Friday, August 1, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

नगर परिषद शहपुरा में...

शहपुरा (डिंडोरी) – नगर परिषद शहपुरा में पदाधिकारियों द्वारा मस्टर पर फर्जी नियुक्तियों...

ड्रग्स और यौन शोषण...

भोपाल ड्रग्स और यौन शोषण केस में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।...

इंदौर : आज से...

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर ) MP News: नई ‘अगस्त क्रांति, सड़क पर खुद की...

मुजफ्फरनगर : पैरों में...

ड्रोन की अपवाहों के बीच दो युवकों ने ग्रामीणों को डराने के लिए...
HomeUncategorizedलखीमपुर खीरी: डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती पखवाड़ा सम्पन्न

लखीमपुर खीरी: डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती पखवाड़ा सम्पन्न

डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती पखवाड़ा सम्पन्न
लखीमपुर-खीरी, 15 अप्रैल उ०प्र० सरकार एवं उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुपालन में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जयन्ती पखवाड़ा 14 से 28 अप्रैल के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृखला में युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अम्बेडकर का राष्ट्रवाद विषय पर 14 अप्रैल को ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो० विश्वनाथ मिश्र आर्य महिला पी०जी० कालेज वाराणसी ने अम्बेडकर के राष्ट्रवाद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉ० अम्बेडकर का मानना था कि राष्ट्र से राष्ट्रवाद का विकास न होकर राष्ट्रवाद से राष्ट्रीयता का विकास होता है। डॉ० अम्बेडकर ने न्यायिक राष्ट्रवाद की आधार शिला रख कर अपने पूर्वकालीन व समकालीन राष्ट्रवादियों से भिन्न अवधारणा को स्थापित किया। ऑनलाइन संगोष्ठी की अध्यक्ष्यता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० हेमन्त पाल द्वारा की तथा संयोजन एवं संचालन प्रो० संजय कुमार एवं प्रो० सुभाष चन्द्रा ने किया तथा तकनीकी सहयोग मो० आमिर व धर्म नारायण ने दिया। डा० अम्बेडकर जयन्ती पखवाड़ा के तहत महाविद्यालय में आज वर्तमान संवैधानिक मूल्य डा० अम्बेडकर के सम्बन्ध में विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा० जगदीश नारायण पुरवार उपस्थित रहें। प्रो० पुरवार ने संवैधानिक मूल्यों की वर्तमान प्रासंगिकता व डा० अम्बेडकर जी की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि देश को सही दिशा में ले जाने का एक मात्र उपाय संविधान में निहित मूल्यों के आधार पर स्थापित एक सभ्य समाज द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसी क्रम में राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो० संजय कुमार ने कहा कि संविधान में निहित मूल्य ही विकास का एक मात्र आधार है। दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो० सुभाष चन्द्रा ने संवैधानिक मूल्यों का दर्शनिक महत्व समझाते हुए बताया कि संविधान की प्रस्तावना ही संविधान की संक्षिप्त व्याख्या है। सामासिक अर्थसंदर्भों में प्रस्तावना में निहित मूल्यों एवं उद्देश्य को समझाने की आवश्यकता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० हेमन्त पाल ने भारतीय संविधान के निमार्ण में डा० अम्बेडकर की भूमिका को रेखांकित करने हुए कहा कि वर्तमान में संविधान ही एक मात्र दस्तावेज है, जिस पर चलकर सम्पूर्ण देशवासी प्रगति कर सकते है। संगोष्ठी में महाविद्यालय के सभस्त शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version