Explore the website

Looking for something?

Sunday, November 2, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

जैसलमेर के रिसोर्ट में...

राजस्थान में जैसलमेर जिले के सम सैंड ड्यून्स क्षेत्र में एक निजी रिसोर्ट...

कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन...

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, दो अधिकारियों पर निलंबन की...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता माह के अवसर पर जिला डिण्डौरी में 28 अक्टूबर...

इंदौर BJP में हंगामा,...

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर ) इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के भीतर बगावत खुलकर...
Homeमध्य प्रदेशसीधी में सड़क नदारद, सिस्टम लाचार, खाट बनी एम्बुलेंस, महिला का रास्ते...

सीधी में सड़क नदारद, सिस्टम लाचार, खाट बनी एम्बुलेंस, महिला का रास्ते में हुआ प्रसव

सीधी/मध्य प्रदेश के सीधी जिले के सेमरिया थाना अंतर्गत बरिगवां नंबर दो गांव में बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के वादों की पोल खोल दी। आदिवासी समाज की गर्भवती महिला प्रीति रावत पत्नी बबलू रावत को समय पर अस्पताल ले जाना संभव नहीं हो सका क्योंकि गांव तक कोई पक्की सड़क नहीं है। एंबुलेंस गांव से दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर खड़ी रही, और परिजन खाट को डोली में बदलकर रस्सी-बल्ली के सहारे महिला को ले जाने पर मजबूर हुए।

इस दर्दनाक सफर के दौरान बीच रास्ते में ही महिला का प्रसव हो गया, जिससे परिजनों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई। हालांकि बाद में महिला और नवजात को सेमरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

ग्राम बरिगवां की आबादी लगभग 70 लोगों की है, लेकिन आज़ादी के इतने सालों बाद भी यह गांव पक्की सड़क से वंचित है। बरसात के दिनों में गांव के बच्चों की स्कूल जाने की राह भी एक छोटी नदी रोक देती है, जिससे उनका भविष्य अधर में झूल रहा है। इस गंभीर मामले पर सीएमएचओ डॉ. बबीता खरे ने बताया कि समय पर एंबुलेंस पहुंची थी, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण गांव तक नहीं जा सकी। वहीं समाजसेवी प्रभात वर्मा ने इसे बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि यदि समय पर परिजन मदद न करते, तो मां और नवजात की जान भी जा सकती थी।

गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व इसी क्षेत्र में सड़क की मांग को लेकर लीला साहू नामक गर्भवती महिला का मामला सामने आया था, जिसमें सांसद राजेश मिश्रा ने हेलीकॉप्टर तक भेजने की बात कही थी। लेकिन जमीनी हकीकत में गांव वाले आज भी खाट और कंधे के सहारे इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version