करणी सेना और पुलिस के बीच रविवार को फिर तकरार हुई। रातभर से मार्ग पर चक्काजाम के बाद सुबह कार्यकर्ता एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के साथ 3 दर्जन से अधिक को गिरफ्तार किया।
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में शनिवार शाम करणी सेना के प्रदर्शन ने अचानक हिंसक मोड़ धारण कर लिया, जिसके बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर रविवार सुबह से एक बार फिर करणी सेना के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तकरार देखने को मिली। जिसपर कारर्वाई करते हुए पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओं को आज फिर गिरफ्तार किया है।
करणी सेना द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया कि, उसने एक ठगी के मामले में पैसा लेकर आरोपी को बचाया है। इसी सिलसिले में करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत के नेतृत्व में कार्यकर्ता सिटी कोतवाली थाने के बाहर शनिवार को प्रदर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर सभी को मौके से खदेड़ दिया। साथ ही, चार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी की गई।
रविवार को करणी सेवा और पुलिस के बीच एक बार फिर तकरार बढ़ गई । शनिवार को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध करते हुए करणी सेना के प्रादेशिक पदाधिकारी भी हरदा पहुंच गए और उनके और पुलिस के बीच एक बार फिर तकरार देखने को मिली जिसके चलते पुलिस ने आज एक भार फिर आंसू गैस की गोले छोड़ने के साथ-साथ लाठीचार्ज किया है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, दर्जनों गिरफ्तार

करणी सेना पर लाठीचार्ज और जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत समेत 4 पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद बायपास रोड पर रातभर चक्काजाम जारी रहा। सुबह करणी सेना के संस्थापक जीवन सिंह शेरपुर भी मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश देकर प्रदर्शन खत्म करने को कहा, लेकिन करणी सेना शांति व्यवस्था स्थापित करने को तैयार नहीं हुई और लगातार उग्र प्रदर्शन करती रही। करणी सेना के सदस्यों के इस व्यव्हार पर प्रशासनिक अधिकारियों ने एनाउंस करते हुए उन्हें प्रदर्शन खत्म कर जगह खाली करने की चेतावनी दी। फिर भी वे राजी नहीं हुए, तब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पानी की बौछार की।
3 दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारियां की गईं

इस दौरान पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज भी किया। यही नहीं, इस दौरान 3 दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। एक टॉवर में छिपे लोगों को भी पुलिस ने बाहर निकालकर गिरफ्तार किया है। इसके बाद राजपूत छात्रावास में इकट्ठे हुए लोगों को भी निकाला गया। कार्रवाई के लिए पुलिस ने नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन, बैतूल और भोपाल से पुलिस बल फारेस्ट और नगर पालिका टीम को लगाया है। इस दौरान दर्जनों गाड़ियां भी जब्त की गई हैं।
कलेक्टर बोले- फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं
मामले को लेकर कलेक्टर सिद्धार्थ जैन का कहना है कि, कई बार समझाइश देने पर भी प्रदर्शनकारी मानने को राजी नहीं थे। इस कारण हल्का बल प्रयोग कर हालात सामान्य किए गए हैं। फिलहाल, स्थितियां नियंत्रण में हैं।
क्या है मामला?

दरअसल, हरदा निवासी आशीष राजपूत ने घरेलू और व्यापारिक परेशानियों को लेकर एक पंडित को कुंडली दिखाई थी। पंडित ने उन्हें हीरा धारण करने की सलाह दी थी। इस बीच, आशीष को मोहित वर्मा नामक युवक ने बताया कि, उसके पास 18 लाख रुपए का 1.52 कैरेट का हीरा है। आशीष ने मोहित से हीरा खरीदने का सौदा कर लिया। मोहित ने कहा कि, वो इंदौर से हीरा एक हफ्ते बाद लाकर देगा, जिसके बाद वो इंदौर गया, जहां उसे विक्की लोधी और मोहित वर्मा दोनों ने उमेश तपानिया नाम के व्यक्ति से पहचान कराई। उमेश तपानिया ने हीरा दिखाया और हीरे को एक ज्वेलर्स की दुकान पर चेक कराया तो सही पाया। कुछ समय बाद आरोपियों का फोन आया कि हीरे के दाम बढ़ गए हैं, अगर हीरा बेचना है तो आ जाओ।
इसके बाद वो इंदौर गया, जहां से उसे मुंबई ले गए। एक दुकान पर हीरा चेक करने के बहाने उसका असली हीरा बदलकर नकली थमा दिया। इस दौरान उसकी मोहित और उमेश के साथ कहासुनी भी हुई। मोहित ने उसे 10 लाख और उमेश ने 13 लाख का चेक दिया। जब उन चेक को बैंक में जमा किया तो वो बाउंस हो गए। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और शनिवार को आरोपी के साथ चालान पेश किया, लेकिन इस कार्रवाई को लेकर करणी सेना ने नाराजगी जताते हुए पुलिस पर ढाई लाख रुपए रिश्वत लेकर आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरु किया।