( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
सतना केंद्रीय जेल में कैदी के पास मिला कीपैड मोबाइल फोन, जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, जेल प्रहरी के खिलाफ होगी जांच.
सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले के केंद्रीय जेल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक कैदी के पास एक कीपैड मोबाइल बरामद हुआ. कैदी के संदिग्ध अवस्था में पाए जाने के बाद जेल प्रहरी ने जब उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से मोबाइल मिला. आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी के पास से मोबाइल मिलना जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है कि इतनी चाक-चौबंद सुरक्षा के बावजूद कैदी के पास मोबाइल कैसे पहुंचा. जेल अधीक्षक ने मामले की जांच की बात कही है.
गश्ती के दौरान बरामद हुआ मोबाइल
मामला शनिवार की सुबह करीब 10 बजे का है. जेल प्रहरी सुंदरलाल बंसल जेल में गश्त कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें एक कैदी संदिग्ध अवस्था में नजर आया. सुंदरलाल को उस पर शक हुआ तो उन्होंने उससे पूछताछ शुरू की. इस दौरान कैदी काफी घबरा गया और सकपकाने लगा. जेल प्रहरी का शक और गहरा गया और उन्होंने जब उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से एक चाइनीज कंपनी का चालू हालत में पुराना कीपैड मोबाइल मिला. जेल प्रहरी ने मोबाइल जब्त करते तत्काल मामले की सूचना जेल अधीक्षक को दी.
हत्या और आर्म्स एक्ट में मिली है उम्र कैद की सजा
बंदी की पहचान जगन्नाथ पिता दुलीचंद यादव (उम्र 32 वर्ष, निवासी ग्राम कांटी, जिला छतरपुर) के रूप में हुई है, जिसे 2012 में सत्र न्यायालय छतरपुर द्वारा हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. मोबाइल बरामदगी की जानकारी मिलते ही जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.
मोबाइल फोन को मध्य प्रदेश जेल नियमावली 1968 के नियम 570 और कारागार अधिनियम 1894 की धारा 42 के तहत निषिद्ध वस्तु मानते हुए जब्त कर लिया गया है. जेल के चारों ओर हाई सिक्योरिटी कैमरे और चौकसी के बावजूद मोबाइल का अंदर पहुंचना चिंता का विषय है.
जेल प्रहरी की भी होगी जांच’
इस मामले को लेकर सतना जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि “मोबाइल को जब्त करके संबंधित थाना प्रभारी पुलिस थाना कोलगंवा को भेजकर कैदी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. उसके खिलाफ विभागीय स्तर की जांच की जा रही है.
मामले की जानकारी मुख्यालय भोपाल, रेंज डीआईजी जबलपुर सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है. साथ ही जेल प्रहरी के खिलाफ भी जांच की जाएगी, अगर वो दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मोबाइल जेल के अंदर कैसे पहुंचा इसकी सघनता से जांच की जाएगी.”