भोपाल में पुलिस ने एक एएसआई को गिरफ्तार किया है, जिसने साइबर ठगों को बचाने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। इस मामले में टीआई सहित चार पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। फर्जी कॉल सेंटर के मास्टर माइंड को बचाने के लिए 25 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।
फर्जी कॉल सेंटर से देशभर में लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह को बचाने की कोशिश करने के आरोप में भोपाल के ऐशबाग थाना प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। वहीं, अधिकारियों के निर्देश के बाद पुलिस ने एक एएसआई के घर पर छापा मारकर रिश्वत के पांच लाख रुपये भी बरामद किए हैं। एएसआई को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जांच में सामने आया है कि ऐशबाग के प्रभात चौराहे पर संचालित फर्जी कॉल सेंटर का मास्टर माइंड अफजल का साला टीकमगढ़ निवासी मोईन खान निकला है, लेकिन उसे ऐशबाग थाना प्रभारी आरोपित बनाने के लिए तैयार नहीं थे। वह अपने थाने के पूर्व में लाइन हाजिर किए गए एएसआई पवन रघुवंशी और तीन पुलिसकर्मियों के साथ सांठगांठ कर उसे बचाने में लगे थे।
25 लाख रुपये में सौदा तय हुआ
एएसआई पवन ने 25 लाख रुपये में सौदा तय किया था, जिसकी पहली किस्त देने के लिए आरोपित भोपाल आया तो क्राइम ब्रांच और एसीपी जहांगीराबाद की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में एएसआई के घर पर पुलिस ने छापा मारकर रिश्वत के पांच लाख रुपये बरामद की। मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने टीआई समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
तीन लड़कियों ने दर्ज कराई थी शिकायत
कॉल सेंटर में काम करने वाली तीन लड़कियों ने थाने आकर पुलिस में शिकायत की थी कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस पर ऐशबाग पुलिस ने कॉल सेंटर में जाकर पड़ताल की तो 25 सिम का एक बाक्स मिला था।
पकड़ने के बाद छोड़ दिया
पुलिस की जांच में पता चला कि कॉल सेंटर संचालक अफजल खान के मोबाइल नंबर और बैंक खाते का उपयोग महाराष्ट्र में की गई साइबर ठगी में किया गया है। इस पर पुलिस ने कॉल सेंटर में दबिश दी और अफजल के बेटे को पकड़ा पर बाद में छोड़ दिया।
रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी
पुलिस उच्चाधिकारियों ने निर्देशित किया तो ऐशबाग पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक और उसकी बेटी पर एफआईआर दर्ज कर सोमवार को अफजल खान को गिरफ्तार किया गया। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी।
इस दौरान कॉल सेंटर के कर्मचारियों के खाते में एक करोड़ से ज्यादा का लेनदेन सामने आया। मामले की जांच में एएसआई पवन रघुवंशी की लापरवाही सामने आने पर उसे पहले ही लाइन हाजिर कर दिया गया था।
क्राइम ब्रांच को लगाया पीछे
एएसआई पवन रघुवंशी की इस मामले में लाइन हाजिर होने के बाद भी जरूरत से ज्यादा सक्रियता जहांगीराबाद एसीपी सुरभि मीणा को संदिग्ध लग रही थीं, इसलिए उन्होंने क्राइम ब्रांच से मदद लेकर एएसआई की निगरानी कराई। पुलिस को पता चला कि पवन रघुवंशी, ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल, हवलदार धर्मेंद्र सिंह और एएसआई मनोज कुमार के संपर्क में है। इस दौरान अफजल के साले मुबीन खान का लिंक मिल गया था।
मास्टर माइंड को बचाने के लिए 25 लाख में सौदा
एएसआई पवन रघुवंशी ने मामले की जांच में यह पता कर लिया था कि कॉल सेंटर साइबर ठगी का संचालक अफजल खान तो सिर्फ मोहरा है। पूरे गिरोह का मास्टर माइंड मोईन खान है। पवन ने मोईन से बात की उसे इस पूरे मामले में बचाने के लिए 25 लाख रुपये में सौदा तय कर लिया था।
रात में लोकेशन ट्रेस, सुबह कार्रवाई
सौदेबाजी की शर्तों के तहत मोईन खान मंगलवार रात में पहली किस्त देने भोपाल आ गया। पुलिस ने उसे ट्रेस किया और बुधवार सुबह अप्सरा टाकीज प्रभात चौराहे पर उसकी घेराबंदी की। वहां पवन रघुवंशी अपनी गाड़ी से पहुंचा और उतरकर मोईन की गाड़ी में बैठ गया।
वहां उसे पांच लाख रुपये मिले, जिसे लेकर वह अपनी गाड़ी में आया और घर की ओर चल दिया। पुलिस की एक टीम ने वहां मोईन को पकड़ा और दूसरी टीम रघुवंशी का पीछा करते हुए उसके घर पहुंच गई। उसके घर में घुसते ही पुलिस पहुंच गई और पांच लाख रुपये बरामद कर लिए।
एएसआई ने लिया टीआई का नाम
पुलिस पूछताछ में एएसआई पवन रघुवंशी ने टीआई ऐशबाग जितेंद्र गढ़वाल का नाम लिया कि उनके कहने पर 25 लाख रुपये का सौदा तय हुआ हैं। इस पूरी साजिश में एएसआई मनोज सिंह और हवलदार धर्मेंद्र सिंह शामिल थे। मामले में पवन रघुवंशी पर केस दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया है।
साइबर ठगी का बड़ा नाम मोईन खान
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि मोईन खान टीकमगढ़ के जिले से साइबर ठगी का बड़ा खिलाड़ी है। वह प्रदेश के बाहर के साइबर ठगों खातों से लेकर सिम उपलब्ध करवाता है। उसका लिंक पूरे प्रदेश में फैला हुआ है।