राजस्थान और दूसरे प्रदेश में पकड़े गए ठग गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने म्यूल एकाउंट और फर्जी सिम की जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कोटा क्षेत्र में रहने वाले युवक गांव के लोगों के नाम पर सिम निकलवाकर दूसरे प्रदेशों में रहने वाले ठग गिरोह के पास बेच रहे थे। राजस्थान और दूसरे प्रदेश में पकड़े गए ठग गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने म्यूल एकाउंट और फर्जी सिम की जानकारी जुटाई।
इसके आधार पर कोटा पुलिस ने पांच आरोपित को गिरफ्तार किया है। कोटा थाना प्रभारी आईपीएस सुमित कुमार ने बताया कि एसपी रजनेश सिंह ने साइबर क्राइम पोर्टल में दर्ज शिकायत के आधार पर सिम बेचने वाले एजेंट की जांच के निर्देश दिए हैं।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
इस पर एसीसीयू की टीम ने साइबर क्राइम पोर्टल से मिली जानकारी के आधार पर जांच के बाद कोटा क्षेत्र के पीओएस एजेंट अंशु श्रीवास (19) निवासी पथर्रा कोटा, फिरोज अंसारी (19) निवासी फिरंगीपारा कोटा, मुकुल श्रीवास (21) निवासी फिरंगीपारा कोटा, द्वारिका साहू (23) निवासी डाक बंगलापारा कोटा और जय पालके (20) निवासी नवागांव कोटा को पकड़ लिया।
थंब इंप्रेशन लेकर जारी करते थे सिम
पूछताछ में बताया कि सिम लेने आए ग्राहकों से दो बार थंब इंप्रेशन लेकर उनके नाम पर सिम जारी कर लेते थे। इसे दूसरे प्रदेश में रहने वाले ठग गिरोह के पास बेच देते थे।
पुलिस की टीम धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही पुलिस को म्यूल एकाउंट की जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कोटा क्षेत्र के कुछ युवक दूसरे के नाम पर बैंक एकाउंट खुलवाकर दूसरे प्रदेश में रहने वाले लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं।
इन एकाउंट में ठगी के रुपये आ रहे हैं। जांच के बाद पुलिस ने बैंक के कर्मचारियों समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद पुलिस की टीम आगे की जांच कर रही थी। मामले में और भी लोगों के पकड़े जाने की बात कही जा रही है।
4 म्यूल अकाउंट होल्डर्स गिरफ्तार
वहीं, एक अन्य मामले में पेंड्रा पुलिस ने साइबर अपराध पर कड़ी कार्रवाई करते हुए चार म्यूल अकाउंट होल्डर्स को गिरफ्तार किया है। आरोपित कमीशन के लालच में बैंक खाते, एटीएम कार्ड और चेकबुक साइबर ठगों को सौंपते थे जिससे ठगी की गई रकम को ट्रांसफर किया जाता था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपितों के अन्य राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों से संबंध थे और ये गिरोह विदेशी नागरिकों के साथ बिटक्वाइन के माध्यम से संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में भी शामिल थे। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय पोर्टल संचालित किया जा रहा है, इसके माध्यम से पुलिस को ऐसे बैंक खातों की जानकारी मिली जो साइबर ठगी में उपयोग किए जा रहे थे।
आईजी डॉ. संजीव शुक्ल के मार्गदर्शन और एसपी भावना गुप्ता के निर्देश में साइबर सेल और थाना पेंड्रा-गौरेला की संयुक्त टीम ने इन संदिग्ध बैंक खातों की जांच की और आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान आशीष रजक (ज्योतिपुर, गौरेला), अभिषेक शुक्ला (गौरेला), करण कुमार साहू पेंड्रा और संतोष साहू पेंड्रा के रूप में हुई है। इन सभी पर और 112 के तहत संगठित अपराध, ठगी से अर्जित संपत्ति के दुरुपयोग और साइबर अपराध की अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस जांच में पता चला है कि इन आरोपितों के खाते में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हुई साइबर ठगी से जुड़ी लगभग 50 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन के साक्ष्य मिले हैं। इसके अलावा, आरोपियों ने क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी कमीशन का लालच देकर दो दर्जन से अधिक बैंक खाते ठग गिरोहों तक पहुंचाए।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इन आरोपियों के कुछ विदेशी नागरिकों के साथ भी संबंध थे और ये अवैध रूप से बिटक्वाइन के माध्यम से लेन-देन कर रहे थे। आरोपितों के मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए हैं, जिनका तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।