गर्मी का मौसम आते ही ग्रामीण अंचलों में आगजनी की घटना देखने को मिल रही है। बीते ग्राम छापरी, खेरी में उस समय फसल जल गई जब किसान खेत से अपनी फसल ट्राली में भरकर खलिहान ले जा रहे थे। झूलते हुए बिजली के तारों के चपेट में आ जाने के चलते फसल खाक हो गई थी।
श्यामपुर तहसील के तीन गांवों के किसानो की गेंहू की खड़ी फसल जलकर खाक हो गई। गांव पाटन, तकिया,बरखेडा के 100 से 200 एकड़ रकबे की फसल कुछ ही मिनटों में जलकर ख़ाक हो गई। बताया जा रहा है कि भूसा बनाने वाली मशीन से आगजनी की घटना घटी। जिसमें लाखों रुपए की फसल जलकर खाक हो गई।

पाटन के किसान जगदीश चरकी वाले, जगदीश पिता भवर जी, राहुल पिता बद्री प्रसाद,रामसिंह पिता बंसी लाल, सुनिल पिता रामसिंह,बीरबल पिता बाबू लाल, रमेश पिता कवर जी, मांगीलाल जराती, राकेश पिता भवर जी एवं तकिया, बरखेडा के किसानो की भी खड़ी गेंहू की फसल जलकर खाक हो गई।
मौके पर स्थानीय किसानो द्वारा झाड़ियों के सहारे आग बुझाना चाहा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और आगजनी का विकराल रूप में परिवर्तित हो गई थी। मौके पर समय से फायर बिग्रेड नही पहुंच पाई।
मौके पर स्थानीय लोगों ने भूसा मशीन वाले संचालन को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया एवं ट्रैक्टर भूसा मशीन को भी कब्जे में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया।

फायर ब्रिगेड वहां को लेकर नाराज
उल्लेखनीय है कि श्यामपुर तहसील क्षेत्र में एक भी फायर ब्रिगेड वहां नहीं है।
लंबे समय से क्षेत्र के किसान फायर ब्रिगेड की मांग कर रहे हैं लेकिन गौर नहीं किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय से यह क्षेत्र करीब 40 किमी दूर है। ऐसे में आग लगने पर दमकल को पहुंचने में काफी समय लग जाता है इस दौरान यह आग विकराल रूप धारण कर लेती है।
और काबू में नहीं आ पाती। ग्राम बिलकिसगंज में 12 एकड़ खेत में खड़ी फसल जल गई।
ऐसे में किसान की मेहनत पल भर में स्वाहा हो रही है और उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।