Explore the website

Looking for something?

Sunday, November 2, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

जैसलमेर के रिसोर्ट में...

राजस्थान में जैसलमेर जिले के सम सैंड ड्यून्स क्षेत्र में एक निजी रिसोर्ट...

कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन...

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, दो अधिकारियों पर निलंबन की...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता...

राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा जागरूकता माह के अवसर पर जिला डिण्डौरी में 28 अक्टूबर...

इंदौर BJP में हंगामा,...

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर ) इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के भीतर बगावत खुलकर...
Homeउत्तर प्रदेशUP NEWS मेरा कसूर क्या था अब्बा? दो प्रेमियों की Love Story...

UP NEWS मेरा कसूर क्या था अब्बा? दो प्रेमियों की Love Story का ऐसा खौफनाक अंत कि UP सरकार तक हिल गई

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में दो प्रेमियों की भयावह मर्डर की कहानी सामने आई। 17 साल की सानिया और 19 साल के सागर की मोहब्बत ने जिस दर्दनाक मोड़ पर दम तोड़ा, वह समाज, परिवार और व्यवस्था—तीनों पर बड़े सवाल खड़े करता है।

कौन थे सानिया और सागर?

सानिया और सागर एक ही गांव पालड़ी के निवासी थे। एक मुस्लिम, दूसरी हिंदू–मज़हब अलग था लेकिन दिल एक हो चुके थे। दोनों ने अपने-अपने घरों से विद्रोह कर 16 जुलाई 2025 को हिमाचल प्रदेश के ऊना में नई ज़िंदगी की शुरुआत करने के लिए भागने का फैसला किया, जहां सागर का परिवार पहले से काम कर रहा था। लेकिन उनका ये कदम उनके परिवारों के लिए इज़्ज़त का सवाल बन गया और कहानी ने भयावह मोड़ ले लिया।

कैसे हुआ घटनाक्रम?

सानिया के परिजनों को जब उनके भागने की जानकारी मिली, तो ताऊ और चचेरे भाई ऊना तक पीछा करते हुए पहुंच गए। वहां से दोनों को जबरदस्ती गांव वापस लाया गया। रास्ते भर मारपीट और अपमान झेलते सागर और सानिया को किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की।

गांव लौटते ही अत्याचार का नया दौर शुरू हो गया

सानिया के साथ कई बार मारपीट हुई। सागर और उसके परिवार को बंधक बनाकर रखा गया। सानिया की जबरन शादी कहीं और तय करने की कोशिश की गई, लेकिन उसने इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि 23 जुलाई की रात को सानिया को बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि उसके ताऊ और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके माता-पिता ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। हत्या के बाद परिजनों ने गांव वालों को बहाना सुनाया कि सानिया की मौत टीबी से हुई है और उसी रात गुपचुप तौर पर कब्रिस्तान में उसे दफना दिया गया।

गांव की चुप्पी और राजनीतिक दबदबा

जानकारी के अनुसार, जब सानिया को दफनाया गया, तो कुछ गांव वालों ने लाश पर मारपीट के निशान देखे। लेकिन डर और राजनीतिक दबदबे के चलते किसी ने पुलिस को कुछ नहीं बताया। सानिया के दादा एक स्थानीय पार्टी के प्रभावशाली नेता हैं, जो पूरे इलाके में खासा रुतबा रखते हैं।

सागर के परिवार ने दिखाई हिम्मत

सागर का परिवार, खासकर उसके पिता रामपाल, लगातार धमकियों और हिंसा का शिकार हो रहा था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। रामपाल ने 24 जुलाई को पुलिस को फोन कर पूरी कहानी बताई। शुरुआत में शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। लेकिन जब रामपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन को संबोधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, तो मामले ने तूल पकड़ लिया। वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया।

कब्र से निकली सच्चाई

बागपत की डीएम के आदेश पर 26 जुलाई को कब्रिस्तान में खुदाई करवाई गई। एसडीएम और पुलिस की निगरानी में जब सानिया की लाश कब्र से निकाली गई, तो उस पर हिंसा और गला दबाने के स्पष्ट निशान मिले। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और जांच की पुष्टि के बाद सानिया के ताऊ मतलूब और पांच अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ अन्य की तलाश अब भी जारी है।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version