- कहावत है, जिंदगी बचाने वाले से बड़ा कोई नहीं होता। अगर वही जीवनसाथी बन जाए तो आगे का सफर सुरक्षित है। जिले के नानाखेड़ी के रामप्रसाद और गोपालपुर की काजल एक दूजे का हाथ थामेंगे। आगे की कहानी जानने के लिए पढें पूरी खबर।
कहावत है, जिंदगी बचाने वाले से बड़ा कोई नहीं होता। अगर वही जीवनसाथी बन जाए तो आगे का सफर सुरक्षित है। जिले के नानाखेड़ी के रामप्रसाद और गोपालपुर की काजल एक दूजे का हाथ(Unique Wedding) थामेंगे। दोनों अनूठे बंधन में बंधेंगे। दरअसल, गोपालपुर निवासी काजल सहरिया अपने पूर्व पति के साथ खुश नहीं थी। काजल का आरोप है कि उसका पति बुरी तरह मारपीट करता था। इसलिए वह एक साथ ही बच्ची साथ लेकर 13 मार्च को गुना आ गई और रेलवे ट्रैक पर कूदकर अपनी जान देने का प्रयास कर रही थी। तभी किसी काम से रेलवे स्टेशन पर पहले से मौजूद नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद पारदी ने काजल को पकड़ लिया और पटरियों से दूर ले आए।
बने एक-दूसरे का सहारा
रामप्रसाद ने काजल की दुखभरी कहानी सुनी तो उन्हें तरस आ गया और काजल को अपने घर ले गए। करीब 5 से 6 दिनों तक रामप्रसाद के परिजन ने काजल की कहानी सुन उसके सामने रामप्रसाद से विवाह(Unique Wedding) का प्रस्ताव रख दिया। रामप्रसाद की पत्नी का निधन करीब 8 महीने पहले टीबी से हो गया था। उसका एक बेटा भी है। एक जैसी परिस्थितियां होने के चलते दोनों ने मिलकर तय किया कि वे एक-दूसरे का सहारा बनेंगे। फिलहाल रामप्रसाद और काजल ने शुक्रवार को कोर्ट पहुंचकर विवाह का अनुबंध करवा लिया है। दोनों कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी करेंगे। दोनों ने साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया है।
समाज ने स्वीकारा पति-पत्नी
रामप्रसाद के परिजन और रिश्तेदारों ने काजल को नव दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं दी हैं। इस अनोखे रिश्ते को भले ही वैधानिक मान्यता नहीं मिली है, लेकिन समाज और परिजन दोनों को पति-पत्नी(Unique Wedding) स्वीकार कर चुके हैं। रामप्रसाद से विवाह अनुबंध के बाद काजल के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान आ गई। वहीं रामप्रसाद भी नये जीवनसाथी की जिम्मेदारी उठाने के लिए खुशी-खुशी तैयार है।