मंदसौर में सड़क हादसे में रतलाम जिले के 10 लोगों की हुई थी मौत. 8 मृतकों का खोजनखेड़ा और जोगी पिपलिया में हुआ अंतिम संस्कार.
रतलाम: रतलाम के खोजनखेड़ा और जोगी पिपलिया गांव में आज सोमवार को आंखें नम कर देने वाला दृश्य देखने को मिला. जहां एक साथ 5 चिताएं जलाई गईं. मंदसौर के काचरिया में हुए सड़क हादसे के बाद कुएं में गिरी कार में सवार 12 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 4 जिंदगी बचाने वाले स्थानीय निवासी मनोहर सिंह की भी बचाव के दौरान मौत हो गई थी.
आज सोमवार सुबह मलेनी नदी के किनारे बसे खोजनखेड़ा गांव में हर घर में मातम पसरा था. सुबह जैसे ही गांव में मृतकों के शव लाए गए पूरा गांव रो पड़ा. हादसे में मृत 6 लोगों का अंतिम संस्कार खोजनखेड़ा गांव में किया गया. 2 मृतकों का जोगी पिपलिया और 2 मृतकों का अन्य जगह अंतिम संस्कार किया गया है.
एक साथ जली 6 चिताएं, एक ही परिवार के 3 लोग मरे
रविवार को रतलाम के खोजनखेड़ा निवासी कीर परिवार के 14 लोग वैन से नीमच जिले स्थित आंतरी माता दर्शन करने जा रहे थे. तभी मंदसौर में काचरिया चौपाटी के पास तेज रफ्तार वेन एक मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मारते हुए बिना मुंडेर के कुएं में जा गिरी. जिसमें रतलाम जिले के 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं, मोटरसाइकिल सवार और जान बचाने के लिए कुएं में उतरे मनोहर सिंह की मौत हो गई.
इनका हुआ अंतिम संस्कार
खोजनखेड़ा गांव के पवन कीर, धर्मेंद्र सिंह, आशाबाई, मधुबाई, मांगूबाई, राम कुंवर के शव लाए गए. जहां इनका अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, जोगी पिपलिया में कन्हैयालाल और नागु सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पूरे गांव के लोग नम आंखों से अंतिम विदाई देने पहुंचे. इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.
गांव के गौतम कीर ने बताया कि, ”रविवार दोपहर करीब 2:00 बजे हादसे की सूचना मिलने के बाद से ही गांव में माहौल गमगीन है. रात को किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला और एक साथ जब 6 चिताएं जली तो पूरा गांव रो पड़ा.” बहरहाल इस हादसे में एक नहीं कई परिवारों को जिंदगी भर का गम दे दिया है. यहां तक कि जान बचाने कुएं में उतरे मनोहर सिंह को भी अपनी जान गंवाना पड़ी. लेकिन मृत्यु के पूर्व मनोहर सिंह ने 3 जिंदगियां को बचा कर मानवता और बहादुरी की बड़ी मिसाल पेश की है.