Explore the website

Looking for something?

Saturday, August 2, 2025

Enjoy the benefits of exclusive reading

TOP NEWS

🏏 अंतरराष्ट्रीय पटल पर...

लखीमपुर खीरी।हाथीपुर सेठ घाट चौराहा निवासी अतुल कुमार अवस्थी के बेटे डॉ. आशीष...

पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती...

पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (सीबीएसई बोर्ड) में आगामी रक्षाबंधन...

नगर परिषद शहपुरा में...

शहपुरा (डिंडोरी) – नगर परिषद शहपुरा में पदाधिकारियों द्वारा मस्टर पर फर्जी नियुक्तियों...

ड्रग्स और यौन शोषण...

भोपाल ड्रग्स और यौन शोषण केस में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।...
Homeमध्य प्रदेशबैतूल कोयला खदान हादसा, 3.5 किमी अंदर दबे कर्मचारी

बैतूल कोयला खदान हादसा, 3.5 किमी अंदर दबे कर्मचारी

आमिर अहमद

बैतूल कोयला खदान हादसा, 3.5 किमी अंदर दबे कर्मचारी

बैतूल जिले के पाथाखेड़ा स्थित वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) की छतरपुर-1 खदान में गुरुवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। खदान की करीब 10 मीटर ऊंची छत अचानक ढह गई, जिससे तीन कर्मचारियों के फंसने की आशंका है। घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गईं और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है।हादसे के वक्त 3.5 किमी अंदर थे कर्मचारी |
घटना दोपहर 3 बजे की बताई जा रही है, जब कर्मचारी खदान के कंट्यूनर माइनर सेक्शन में काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक छत गिरने से तीन कर्मचारी मलबे में दब गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार खदान धसने की घटना में तीन लोग गोविंद कोसरिया पद असिस्टेंट मैनेजर उम्र-37 वर्ष, रामप्रसाद चौहान पद माइनिंग सरदार उम्र 46 वर्ष और रामदेव पंडोले पद ओवरमैन उम्र 49 वर्ष की मृत्यु हुई। कोलकाता की कंपनी को मिला था ठेका
खदान का यह सेक्शन “जॉय माइनिंग सर्विस” द्वारा संचालित किया जा रहा था, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई तकनीक वाली मशीन का उपयोग किया जा रहा था। ठेका एक कोलकाता स्थित कंपनी को मिला हुआ है।

कैसे हुआ हादसा? |
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कोयला काटने के दौरान कंट्यूनर माइनर मशीन काम कर रही थी, तभी खदान की छत अचानक गिर गई। हादसे के वक्त करीब 25 से 26 कर्मचारी खदान में मौजूद थे, लेकिन वे अलग-अलग सेक्शनों में कार्यरत थे।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना के तुरंत बाद माइन रेस्क्यू टीम को बुलाया गया, जो फंसे हुए कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने के लिए तेज़ी से अभियान चला रही है। फिलहाल, प्रशासन और खदान प्रबंधन स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version