दीपक तिवारी
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे अपने एक बयान के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने कहा है कि मुझे हल्के में मत लो, नहीं तो मैं तांगा पलट दूंगा। अब राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने धमकी भरे ये शब्द किसके लिए कहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) से उनकी नाराजगी पुरानी है। लेकिन इन दिनों सत्तारूढ़ महायुति सरकार में भी वह सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। इसलिए यह अनुमान लगाना कठिन हो रहा है कि उन्होंने यह धमकी उद्धव ठाकरे को दी है या देवेंद्र फडणवीस और भाजपा को।
महाराष्ट्र की राजनीति में ऑपरेशन टाइगर की चर्चा
उद्धव ठाकरे की पार्टी के लोगों को तोड़ने के लिए शिंदे की ओर से इन दिनों ऑपरेशन टाइगर शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत ही कभी शिवसेना के गढ़ रहे कोंकण सहित राज्य के अन्य हिस्सों से कई वरिष्ठ नेता शिवसेना (यूबीटी) से टूटकर शिंदे के साथ आ रहे हैं।
इस पर टिप्पणी करते हुए एक दिन पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि आजकल मुझे इतने धक्के दिए जा रहे हैं कि मैं धक्का पुरुष बन गया हूं। लेकिन जिस दिन मैं धक्का दूंगा, उस दिन संभलने का मौका नहीं मिलेगा। यह कहते हुए उद्धव का इशारा एकनाथ शिंदे की ओर ही था।
किसकी तरफ था शिंदे का इशारा?
शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के बाद जब एकनाथ शिंदे से उनके हल्के में न लेने वाले बयान के बारे में पूछा गया कि यह उन्होंने किसके लिए दिया है, तो उन्होंने कहा कि यह बयान जिसके लिए दिया है, वह समझ चुके हैं।उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं। लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे एवं आनंद दिघे का कार्यकर्ता हूं। लोगों को यह समझ लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि जब 2022 में मैं सामान्य लोगों के मन की सरकार लेकर आया था, तो अपने पहले ही भाषण में कहा था कि देवेंद्र फडणवीस 200 से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे और हमारी 232 सीटें आई हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि मुझे हल्के में मत लो। हालांकि, यह कहते हुए शिंदे ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किसकी ओर इशारा करते हुए यह वक्तव्य दिया है। कई कारणों से वह अपनी सरकार से भी असंतुष्ट बताए जा रहे हैं।