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हो जाएं सावधान, कहीं ”सफेद जहर” तो नहीं पी रहे आप! इस शहर से 2200 लीटर केमिकल दूध जब्त, ऐसे हो रहा था तैयार

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के मौसमगढ़ इलाके में खाद्य सुरक्षा विभाग ने नकली दूध बनाने के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया है। विभाग की टीम ने एक गोदाम पर छापा मारा और भारी मात्रा में केमिकल जब्त किए जो नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होते थे। मौके से लगभग 2200 लीटर केमिकल मिले, जो 150 खाली दूध के केनों में भरा हुआ था। फर्म के पास इस केमिकल का कोई वैध लाइसेंस या बिल नहीं था। मौसमगढ़ के इस गोदाम में पकड़ा गया केमिकल मुख्य रूप से सोर्बिटोल और आरएम ऑयल था। ये दोनों केमिकल दूध की तरह दिखने वाली नकली द्रव बना सकते हैं। नकली दूध बनाने के लिए इन केमिकल्स को मिलाकर एक ऐसा मिश्रण तैयार किया जाता है जो असली दूध जैसा दिखाई दे लेकिन उसमें पोषण और सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल भी दूध की गुणवत्ता न हो।

दिल्ली-NCR में नकली दूध का खतरा

दिल्ली और उसके आसपास के NCR इलाके में नकली दूध, मावा और पनीर की सप्लाई का यह मामला काफी चिंताजनक है। कई बार खाद्य सुरक्षा विभाग ने नकली दूध के बड़े काले कारोबार का खुलासा किया है। बुलंदशहर से निकले इस नकली दूध केमिकल की सप्लाई दिल्ली-NCR में होती रही है, जहां इसे असली दूध के रूप में बेचा जाता है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई

सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा, विनीत कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि मौसमगढ़ के एक गोदाम में बिना लाइसेंस के नकली दूध बनाने का कारोबार चल रहा है। मौके पर छापेमारी कर 2200 लीटर केमिकल जब्त किए गए। फर्म प्रबंधन कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। विभाग ने केमिकल को सील कर पुलिस को सूचित कर दिया है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नकली दूध के दुष्प्रभाव और खतरे

नकली दूध सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं जैसे पाचन तंत्र की समस्या, एलर्जी, पेट दर्द और गंभीर मामलों में विषाक्तता भी। यह दूध न तो पौष्टिक होता है और न ही किसी तरह से सुरक्षित। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

इससे पहले भी कई बार पकड़े गए नकली दूध केमिकल

उत्तर प्रदेश समेत आसपास के कई राज्यों में नकली दूध बनाने के केमिकल और सामग्री पकड़े जा चुके हैं। ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं, जो खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती हैं। इस बार बुलंदशहर में जो केमिकल पकड़ा गया है वह इसी कड़ी में एक बड़ा खुलासा है।

कैसे बचें नकली दूध से?

ग्राहकों को चाहिए कि वे दूध खरीदते समय सतर्क रहें। हमेशा भरोसेमंद विक्रेता से ही दूध लें। दूध का रंग, गाढ़ापन और टेस्ट देखकर किसी तरह की अनियमितता लगे तो जांच अवश्य कराएं। यदि दूध का मावा या पनीर बहुत सस्ते दामों पर मिल रहा हो तो उसमें भी शक करें। नकली दूध की पहचान के लिए घरेलू तरीके भी हैं जैसे एक गिलास दूध को फ्रीज में रखना, असली दूध जमता है जबकि नकली दूध नहीं जमता।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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