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7 सितम्बर को लगेगा चंद्र ग्रहण – देशभर में सूतक और धार्मिक आयोजन प्रभावित

मुख्य समाचार:
लखीमपुर खीरी।

NTVTime_Update

आगामी 7 सितम्बर रविवार को विशेष खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। इस दिन चंद्र ग्रहण (खग्रास) भारतवर्ष सहित कई देशों में दिखाई देगा। मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार):

स्पर्शकाल (आरंभ): रात 9:58 बजे

मध्यकाल: रात 11:42 बजे

मोक्षकाल (समाप्ति): रात 1:26 बजे (8 सितम्बर की तिथि)

इसी कारण 7 सितम्बर दोपहर 12 बजे से मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे और अगले दिन 8 सितम्बर सुबह 8 बजे पुनः द्वार खुलेंगे।


📌 ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या न करें

✅ क्या करें:

मंत्र जाप, प्रार्थना और ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।

तुलसी पत्र, कुश और गंगा जल का प्रयोग भोजन व जल को दूषित होने से बचाने हेतु करें।

❌ क्या न करें:

ग्रहण के दौरान भोजन, पानी पीना और पकाना वर्जित है।

गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए – धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें, घर से बाहर न निकलें।

सोना, ताश खेलना या व्यर्थ बातचीत करना अशुभ फलदायी माना जाता है।


🌑 ग्रहण क्यों लगता है?

चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से वह कुछ समय के लिए अंधकारमय दिखता है। यह पूर्ण (खग्रास), आंशिक और उपछाया ग्रहण हो सकता है।


⚖️ फायदे और नुकसान

फायदे:

ग्रहण के समय ध्यान, जप और साधना का हजार गुना अधिक फल मिलता है।

पितरों की शांति और दान-पुण्य का महत्व बढ़ जाता है।

ग्रहण के बाद स्नान-दान से नकारात्मक ऊर्जा का शमन होता है।

नुकसान (यदि नियम न मानें):

गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का नकारात्मक असर माना जाता है।

भोजन करने से शरीर पर हानिकारक प्रभाव और रोग बढ़ सकते हैं।

धार्मिक दृष्टि से ग्रहण काल को अशुभ समय माना गया है।

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