( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
भोपाल में भेल के रिटायर्ड अधिकारी से साइबर ठगी की गई। साइबर ठगों ने 65 वर्षीय अधिकारी और उसकी पत्नी को 70 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इस दौरान उनको पहलगाम हमले का आतंकी बताकर 68 लाख की ठगी की गई। बेटे को कॉल करने पर साइबर ठगी का खुलासा हुआ।
एनटीवी टाइम न्यूज भोपाल/मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां भेल के रिटायर्ड अफसर और उसकी पत्नी को पूरे ढाई महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। करीब 70 दिनों के दौरान साइबर ठगों ने उनकी जमा पूंजी के 48 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लिया। यही नहीं, इस कपल ने अपने रिश्तेदारों से भी उधार लेकर 20 लाख रुपये ठगों को भेजे।

दरअसल, साइबर ठगी की वारदात भोपाल निवासी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) से रिटायर अधिकारी के साथ हुई है। साकेत नगर निवासी रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी को 4 जुलाई को एक फोन कॉल आया। पहले उन्हें पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में शामिल होने की बात कहकर धमकाया गया। इसके बाद लगातार दो महीने 10 दिन यानी पूरे 70 दिनों तक उन्हें और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
ऐसे की ठगी की वारदात
बुजुर्ग को फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी सुधीर कुमार बताया। ठग ने कहा कि आपके आधार कार्ड से रजिस्टर मोबाइल नंबर का उपयोग पहलगाम आंतकी हमले की साजिश में हुआ है। यह भी कहा कि आपके खाते में एक गैंगस्टर ने 6 करोड़ 80 लाख रुपये जमा किए हैं।
सीबीआई बनकर जाल में फंसाया
बुजुर्ग कुछ समझ पाते इससे पहले ठग ने अपने साथी को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए उसे लाइन पर लेकर बात कराई। इन तीनों के बीच करीब दो घंटे वीडियो कॉल पर बात हुई। दोनों ठगों ने पीड़ित से कहा कि यदि आप निर्दोष हैं तो अपनी पूरी राशि को उनके बताए बैंक खाता में जमा कर दें। इससे पुलिस और सीबीआई पूरी जांच कर लेगी। अगर यह राशि का मनी लांड्रिंग से संबंध नहीं मिला तो आपे रुपये वापस मिल जाएंगे। इस तरह दोनों को डराकर उन्होंने बुजुर्ग को अपने जाल में फंसा लिया।
70 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट
ठगों ने उन्हें धमकाया कि यह बात किस को नहीं बतानी है। अगर बताया तो उन्हें बचाना मुश्किल होगा और उनके बेटा-बेटी की जान का खतरा होगा। इन ठगों ने वाट्सएप मैसेज से लगातार पीड़ित से संपर्क बनाए रखा और बताते कि कब किस खाते में कितने रुपये जमा करना है। बुजुर्ग हर बार बैंक जाते और दिए गए खाते में चुपचाप रुपये जमा करके लौट आते। जब पीड़ित घर से बैंक या किसी जरूरत का सामान लेने बाहर जाते तो उसकी जानकारी भी पल-पल मैसेज कर ठगों तक पहुंचाते थे।
11 खातों में जमा कराए 68 लाख
साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपति को डरा-धमकाकर 11 बैंक खातों में रकम जमा कराए। बुजुर्ग ने पहले ग्रेच्युटी और बैंक में जमा 48 लाख रुपये भेज दिए। बाद में जब ठगों ने और दबाव बनाया तो कपल ने बेटी, भतीजे और समधी से भी उधार लेकर 20 लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद ठगों ने और रकम भेजने को कहा और घर बेचने का दबाव बनाया। बुजुर्ग ने जब अपने बेटे को फोन किया तो डिजिटल अरेस्ट की इस घटना से पर्दा उठा। इसके बाद परिवार साइबर पुलिस के पास पहुंचा।


