सौरभ शर्मा ग्वालियर का रहने वाला है और यहीं 2016 में सौरभ ने अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन किया था। तत्कालीन सीएमएचओ डा. अनूप कम्ठान ने इसे वेरीफाई भी कर दिया था। इस मामले में आरटीआइ कार्यकर्ता ने भी लोकायुक्त से एफआइआर की मांग करते हुए पूर्व में शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि सौरभ शर्मा के फर्जी शपथ पत्र व आवेदन का खुलासा नईदुनिया ने सबसे पहले किया था।
काली कमाई के प्रतीक परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर अब फर्जी शपथ पत्र पेश करने के मामले में कभी भी एफआईआर हो सकती है। सौरभ ने पिता की जगह पर अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए आवेदन में जो शपथ पत्र व जानकारी दी गई थी, उसमें भाई की सरकारी नौकरी को छिपाया था।
विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इसे जांचा नहीं और आगे बढ़ा दिया
इस तरह फर्जी शपथ पत्र के आधार पर सौरभ परिवहन विभाग में आरक्षक बन गया था।
सौरभ पर इस मामले में केस दर्ज करने को लेकर सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है।
अब परिवहन विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएग
बता दें कि पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के घर छापेमारी में सोना व कैश मिला था।
इसके अलावा एक वाहन भी मेंडोरी भोपाल के जंगल में मिला था
इसमें 54 किलो सोना व दस करोड़ के करीब कैश मिला था।
इस पूरे कांड ने प्रदेश के सरकारी महकमों से लेकर राजनीति तक में हलचल मचा दी।
एक के बाद एक कड़ियां खुलीं और अब ईडी इस मामले में जांच कर रही है।