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LUCKNOW : लखनऊ पुलिस की बड़ी सफलता: मासूम बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

लोकेश शर्मा

लखनऊ पुलिस ने एक बड़े मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो नवजात शिशुओं को बेचने का घिनौना काम कर रहा था। यह गिरोह करीब एक साल से सक्रिय था और मासूम बच्चियों को ₹5 लाख तथा बच्चों को ₹3 लाख में बेचता था। मड़ियांव पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया और एक नवजात शिशु को बचाया। इस मामले ने बाल सुरक्षा और अवैध तस्करी को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नवजात शिशुओं को लाखों रुपये में बेचता था। मड़ियांव थाना प्रभारी शिवानंद मिश्रा की टीम को यह सफलता तब मिली जब उन्हें इस गिरोह की गतिविधियों की गुप्त सूचना मिली। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं और तीन पुरुषों को गिरफ्तार किया, जो इस अवैध धंधे में लिप्त थे। इस गिरोह के पास से एक नवजात शिशु को भी बरामद किया गया है।

कैसे हुआ खुलासा

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की और छानबीन शुरू की। इस गिरोह के सदस्य नवजात शिशुओं को बेचने का गोरखधंधा चला रहे थे। गिरोह मासूम लड़कियों को 5 लाख रुपये और लड़कों को 3 लाख रुपये में बेचता था।पुलिस द्वारा की गई गहन जांच में पता चला कि यह गिरोह पिछले एक साल से सक्रिय था और राजधानी लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में इस काले धंधे को अंजाम दे रहा था। गिरोह के सदस्य नवजात शिशुओं को जरूरतमंद लोगों को मोटी रकम लेकर बेच देते थे

गिरफ्तार आरोपी एवं उनकी भूमिका

पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं

विनोद सिंह – निवासी जनपद गोंडा, हाल पता लखनऊडॉ. अल्ताफ – निवासी मड़ियांव, जनपद लखनऊनीरज कुमार गौतम – निवासी ग्राम शीतल पुरवा, जनपद सीतापुरकुसुम देवी – निवासी विकास नगर, जनपद लखनऊसंतोष कुमारी – निवासी थाना अटरिया, जिला सीतापुरशर्मा देवी – निवासी थाना महिगवा, जनपद लखनऊइन सभी पर नवजात शिशुओं की अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

कैसे करते थे सौदा?

गिरोह के सदस्य अस्पतालों और प्रसूताओं पर नजर रखते थे। वे गरीब महिलाओं और अविवाहित माताओं से संपर्क कर उनके नवजात शिशुओं को खरीदने की पेशकश करते थे। इसके बाद, वे इन बच्चों को इच्छुक दंपतियों को भारी रकम लेकर बेच देते थे। खासतौर पर वे उन दंपतियों को निशाना बनाते थे, जो लंबे समय से संतान की चाह में थे और कानूनी प्रक्रिया से बचकर सीधे बच्चे खरीदने के इच्छुक थे।

पुलिस की कार्रवाई और अगला कदम

लखनऊ पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। गिरोह के सदस्यों पर मानव तस्करी, धोखाधड़ी, शिशु अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान करने और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।

मानव तस्करी पर पुलिस की सख्ती

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की विशेष टीमें अब अन्य जिलों में भी ऐसे गिरोहों पर नजर बनाए हुए हैं।

समाज पर प्रभाव और सतर्कता की जरूरत

यह मामला समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि बच्चों की तस्करी अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। समाज को इस तरह की गतिविधियों के प्रति जागरूक रहने और संदिग्ध मामलों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की जरूरत है। इस खुलासे से एक बार फिर साबित हुआ है कि लखनऊ पुलिस अपराधियों के खिलाफ पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। पुलिस की इस सफलता से नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोहों में हड़कंप मच गया है।

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