मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर महिला सेक्स वर्कर्स को लेकर एक आदेश जारी किया गया है जिसके मुताबिक अब प्रदेश के ढाबों और होटलों में संचालित होने वाले वेश्यालयों से पकड़ी जाने वाली महिला सेक्स वर्कर्स को अब आरोपी नहीं बनाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या कुछ है आदेश में?
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ Bhopal) की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है. जिसके मुताबिक वेश्यालयों से पकड़ी जाने वाली महिला सेक्स वर्कर्स (Female Sex Workers) को पुलिस (Police) आरोपी नहीं बनाएगी. पुलिस मुख्यालय का आदेश वेश्यावृत्ति से जुड़ी महिलाओं के लिए राहत का कारण बन गया है. ढाबों और होटलों में संचालित पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और भोपाल एवं इंदौर के पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं.
क्या कुछ है आदेश में?
पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार, ऐसे मामलों में पकड़ी गई महिला सेक्स वर्कर को न तो गिरफ्तार किया जाएगा, न ही परेशान किया जाएगा. पुलिस जब होटल ढाबों पर दबिश देती है तो कार्रवाई के दौरान महिला सेक्स वर्कर्स को आरोपी बना दिया जाता था, जबकि वे कई बार केवल शोषित होती थीं.
स्पेशल डीजी महिला सुरक्षा प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं, जिनके अनुसार पुलिस को इन महिलाओं के साथ पीड़ित और शोषित व्यक्तियों जैसा व्यवहार करना चाहिए, न कि उन्हें दोषी ठहराना.
पुलिस अधिकारियों को कठोर अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी महिला सेक्स वर्कर के अधिकारों का उल्लंघन न हो.
इस मामले को लेकर 21 सितम्बर 2023 को सर्वोच्च न्यायालय के क्रिमिनल अपील क्रमांक 135-2020 बुद्धदेव कर्मास्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य के आदेश का हवाला देते हुए जारी निर्देश में कहा गया है कि वेश्यालयों में दबिश के दौरान स्वैच्छिक लैंगिक कार्य अवैध नहीं है.
केवल वेश्यालय चलाना अवैध है, सेक्स वर्कर को गिरफ्तार कर दंडित अथवा परेशान नहीं करना चाहिए. इस आदेश के आधार पर PHQ ने ऐसे स्थानों पर मिलने वाली महिला सेक्स वर्कर को न तो गिरफ्तार किया जाए और न ही उनका किसी भी प्रकार से शोषण किया जाए.