( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )
- स्वजन का आरोप है कि पुलिसकर्मी पंकज जैन को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे तो वह स्वस्थ थे और बात भी कर रहे थे। इसका वीडियो भी बनाया गया है। लेकिन इसके बाद एमवाय अस्पताल में उन्हें उपचार ही नहीं मिला, जिसके कारण उनकी मौत हुई है। साथ ही बताया कि हमें उनकी अस्थियां मिल गई हैं।
हमारी पुलिस गुम व्यक्तियों को जल्दी ढूंढने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद भी व्यक्ति को लावारिस बताकर पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया। सूचना के बाद स्वजन एमवाय अस्पताल पहुंचे और परिसर में हंगामा किया। दरअसल पंकज जैन(51) निवासी कोटा गुमास्ता नगर रिश्तेदार के यहां आए थे। 25 मई की रात में वह घर से बाहर निकले और फिर नहीं मिले। इस पर स्वजन ने द्वारकापुरी थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। उनका मोबाइल ट्रक ड्राइवर को मिला था।
चार दिन बाद स्वजन को जानकारी मिली कि पुलिस ने लावारिस समझकर अंतिम संस्कार कर दिया।
उसी दिन मांगलिया क्षेत्र में पुलिस को मृतक घायल अवस्था में मिले।
इन्हें वह उपचार के लिए पहले निजी और फिर एमवाय अस्पताल लेकर आए।
लेकिन पुलिस ने उन्हें ढूंढने का प्रयास नहीं किया। यही कारण रहा कि उनका पता हमें एकाश सामाजिक संस्था द्वारा अंतिम संस्कार करने के बाद चल पाया। अंतिम संस्कार के पहले पुलिस चौकी के स्टाफ ने भी ढूंढने की कोशिश नहीं की।बता दें कि मृतक के भाई कोटा से भाजपा के जिलाध्यक्ष है।