इंडियाज गॉट लेटेंट” के हालिया एपिसोड में एक विवादित टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। इस एपिसोड में एक जज ने ऐसा सवाल किया था, जो ना केवल शॉकिंग था बल्कि समाज में इस तरह की बातें स्वीकार्य नहीं मानी जाती हैं। पसवाल था: “क्या आप अपने मां-बाप को जीवन भर सेक्स करते हुए देखना पसंद करेंगे?” इस सवाल ने तुरंत ही असहज कर दिया।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह के सवालों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, खासकर एक सार्वजनिक मंच पर। कई लोग इसे असंवेदनशील और अनुपयुक्त मान रहे हैं। इंडियाज गॉट लेटेंट जैसी मंच पर इस तरह के बयान आने से कार्यक्रम की प्रतिष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं।
यह घटना एक चेतावनी भी देती है कि हमें यह समझने की आवश्यकता है कि सार्वजनिक मंचों पर किस तरह के बर्ताव और भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है। समाज में ऐसी बातें अस्वीकार्य मानी जाती हैं और यह जरूरी है कि हम एक दूसरे का सम्मान करें और इस प्रकार की संवेदनशील मुद्दों से बचें।
दअरसल पूरा मामला जुड़ा है रणबीर इलाहबादिया के सवाल से रणबीर इलाहबादिया ने हाल ही के इंडिया गॉट लेटेंट में एक कंटेस्टेंट से एक ऐसा सवाल पूछ लिया जो मनुष्यक प्रवृत्ति के खिलाफ था रणबीर इलाहबादिया जो कि बड़े बड़े सेलिब्रिटीज के साथ पॉडकास्ट करते है साथ ही धार्मिक गुरुओं के साथ भी अपने पॉडकास्ट शो करते है उनकी असलियत और व्यक्तित्व के साथ ही उनकी मानसिकता भी इंडियास गॉट टैलेंट शो पर बाहर निकल कर आ गई जिस तरह से वे अपने आप को प्रदर्शित करते आ रहे थे शायद वो उनका दोहरा चरित्र था और उनका दबा हुआ चरित्र इस शो पर बाहर आ गया हमारी आज की पीढ़ी अगर ऐसे लोगों का अनुसरण करेगी जिनकी मानसिकता पशुवत है तो कहा जाएगा देश का भविष्य क्या हमे ऐसे फूहड़ मानसिकता वाले लोगों को देखना या बढ़ावा देना चाहिए ऐसे लोग जिसके इतने ज्यादा फ्लावर्स है क्या उन्हें सार्वजानिक मंच पर इस तरह की बाते करना चाहिए रणबीर इलाहबादिया जो अपने शो में दिखते है उसके विपरीत उनका दूसरा चेहरा दिखने के बाद क्या अब भी आप इन जैसे फूहड़ मानसिकता वाले लोगों को देखना या सुनना पसन्द करेंगे हद तो तब हो गई जब उस शो में बैठे अन्य लोग भी उनके इस सवाल पर ठहाके लगाकर रह गए किसी को भी अपने माता पिता के सम्मान के बारे में एक बार भी ख्याल नहीं आया कि यह किस तरह की पशुवत बाते कही जा रही है धर्म और संस्कृति पर मात्र पॉडकास्ट कर लेने से और अपने नाम के आगे इलाहबादिया लगाने से अपने विचारों को पवित्र नहीं कर सकता क्या ये कुछ लोग देश की नस्ल को खोखला कर संस्कृति को खत्म नहीं कर रहे देश के भविष्य और बच्चों के संस्कार ऐसे लोग उस दीमक की तरह है जो धीरे धीरे खोखला कर देती है
