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पीथमपुर : 1 मई के बाद पीथमपुर में शुरू होगा यूनियन कार्बाइड के 307 टन कचरे को नष्ट करने का आखिरी चरण

( संवाददाता प्रफुल्ल तंवर )

  • मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि अगले 15 दिन में पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के बचे हुए कचरे को नष्ट करने (Union Carbide Waste Disposal) की प्रक्रिया की जाएगी। इस संबंध में भस्मक संयंत्र कंपनी अपने स्तर पर तैयारी कर रही है।

धार जिले के पीथमपुर (Pithampur) में विगत दिनों ट्रायल रन के तहत यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) के 30 टन कचरे को जलाकर नष्ट किया जा चुका है। अब पीथमपुर के भस्मक संयंत्र परिसर में रखे 307 टन कचरे को नष्ट करने का अंतिम चरण दो सप्ताह बाद शुरू होगा।

यह संभावना जताई जा रही है कि 1 मई से संयंत्र में 270 किलो प्रति घंटे की दर से यूका के कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस संबंध में 21 अप्रैल को भोपाल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भस्मक संयंत्र संचालित करने वाली कंपनी एनर्जी एनवायरो के प्रतिनिधियों की बैठक भी होने वाली है।

72 दिन में नष्ट करना है पूरा कचरा

  • हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, 72 दिन में इस पूरे कचरे को नष्ट करने का कार्य पूर्ण किया जाएगा। गौरतलब है कि पीथमपुर के भस्मक संयंत्र में 28 फरवरी से 9 मार्च के बीच 30 टन यूका के कचरे को ट्रायल रन के तहत नष्ट किया जा चुका है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने एनर्जी इन्वयारों कंपनी को 307 टन यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने से पूर्व अपने प्लांट में आटोमेशन सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं।
  • इसके तहत यूका के कचरे को तौलकर निर्धारित मात्रा में भस्मक में डालने की प्रक्रिया ऑटोमेटिक वजन मापी यंत्र लगाने के लिए कहा गया है। पिछले ट्रायल रन में कचरे को मैन्युअली तौलकर कर्मचारी भस्मक संयंत्र में डाल रहे थे।
  • वही भस्मक संयंत्र में ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि अभी भस्मक संयंत्र की चिमनी पर ही ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सेंसर के माध्यम से निगरानी की गई थी। इसके माध्यम से कचरा जलने के बाद उत्सर्जित होने वाली गैसों की मात्रा का पता चलता था।

900 टन निकलेगी राख, लैंडफिल के लिए अनुमति लेने का प्रयास

अभी 30 टन कचरा नष्ट करने के बाद 75 टन राख निकली है। 307 टन यूका का कचरा जलाने के बाद करीब 900 टन राख निकलेगी। ऐसे में इस राख को लैंडफिल में सुरक्षित तरीके से दबाया जाएगा।

वर्तमान में भस्मक संयंत्र का संचालन करने वाली कंपनी के पास पांच लैंडफील साइट है। यूका के कचरे के जलाने के बाद बची राख को जमीन में दबाने के लिए अलग से लैंडफिल तैयार किया जाना है।

ऐसे में कंपनी इस संबंध के नया लैंडफिल तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेने का प्रयास कर रही है। अनुमति मिलने के बाद लैंडफिल तैयार करने के लिए खुदाई की जाएगी। तब तक एनर्जी इनवायरो कंपनी अपने परिसर में ही शेड में यूका कचरा जलाने के बाद बची हुई राख को रखेगी।

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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