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लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास, पक्ष में 288 जबकि विरोध में 232 मत पड़े

  • लोकसभा में भारी हंगामे के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. इस बिल को आज राज्य सभा में पेश किया जाएगा.

नई दिल्ली: लोकसभा में 12 घंटे से अधिक मैराथन बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पास हो गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने सभी को इस बिल पर बोलने का मौक दिया. बिल पर चर्चा पूरी होने के बाद वोटिंग कराई गई. इस विधेयक पर सत्तारूढ़ एनडीए ने अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताते हुए इसका पुरजोर बचाव किया, जबकि विपक्ष ने इसे ‘मुस्लिम विरोधी’ बताया.

वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 288 मत पड़े.

विधेयक को विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत सभी संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. मत विभाजन के बाद इसे पारित कर दिया गया. वक्फ (संशोधन) बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े.

रिजिजू बोले- अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से अधिक सुरक्षित कोई स्थान नहीं है

बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से अधिक सुरक्षित कोई स्थान नहीं है और वे सुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि यहां का बहुसंख्यक पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है.

उन्होंने कहा कि पारसी जैसे अल्पसंख्यक समुदाय भी भारत में सुरक्षित हैं और यहां सभी अल्पसंख्यक गर्व के साथ रहते हैं. बिल पर बहस के बाद उन्होंने कहा, ‘कुछ सदस्यों ने कहा है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. यह बयान पूरी तरह से गलत है. अल्पसंख्यकों के लिए भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं है. मैं भी अल्पसंख्यक हूं और हम सभी यहां बिना किसी डर और गर्व के साथ रह रहे हैं.’

अल्पसंख्यक उत्पीड़न का सामना करने पर भारत में शरण लेते हैं:रिजिजू

मंत्री ने कहा कि जब भी किसी अल्पसंख्यक समुदाय को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, तो वह शरण लेने के लिए हमेशा भारत आता है. उन्होंने दलाई लामा और तिब्बती समुदाय, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका के अल्पसंख्यकों का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा,’बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक अपने-अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आये. आप कैसे कह सकते हैं कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. ऐसा कहना बहुत गलत है.

रिजिजू ने कहा कि विधेयक के माध्यम से एनडीए सरकार देश के सभी अल्पसंख्यकों को एकजुट करने जा रही है. उन्होंने विधेयक के लिए ईसाई समुदाय के पूरे दिल से समर्थन पर भी प्रकाश डाला. रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एनडीए सरकार देश के सभी अल्पसंख्यकों को एकजुट करने जा रही है.

उन्होंने कहा कि वक्फ न्यायाधिकरणों में बड़ी संख्या में विवाद लंबित हैं और इस विधेयक के माध्यम से सरकार इन मामलों का तेजी से निपटारा करना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘हम न्यायाधिकरणों में विवादों के समाधान में तेजी लाना चाहते हैं. न्याय में देरी न्याय से वंचित करने के समान है.

वक्फ विधेयक के नाम पर देश में भ्रम फैलाया जा रहा है: अमित शाह

विधेयक के माध्यम से विधवाओं, तलाकशुदा और अनाथों को न्याय मिलेगा.’ इससे पहले, बहस में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अल्पसंख्यकों को डराकर वोट बैंक बनाया जा रहा है और वक्फ विधेयक के नाम पर देश में भ्रम फैलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार बहुत स्पष्ट सिद्धांत पर चलती है कि हम वोट बैंक के लिए कोई कानून नहीं लाएंगे क्योंकि कानून न्याय और लोगों के कल्याण के लिए है. उन्होंने कहा, ‘हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन लालच, प्रलोभन और भय के लिए धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में भय पैदा करना एक फैशन बन गया है.

नारायण शर्मा
एन टी वी टाइम न्यूज में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं।

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